केंद्र सरकार ने देश के सभी विश्वविद्यालयों और उच्च शिक्षा संस्थानों को आने वाले सत्रों से किसी भी प्रकार का लेनदेन कैश में न करें की हिदायत दी है. मानव संसाधन विकास मंत्री ने विश्वविद्यालय अनुदान आयोग से कहा है कि वह सभी उच्च शिक्षण संस्थानों को जरूरी परामर्श भेजे कि सभी वित्तीय लेनदेन अब डिजिटल भुगतान तरीके से किए जाएं.

डिजिटल इकोनॉमी को मिलेगा बढ़ावा
मानव संसाधन विकास मंत्रालय ने देश में डिजिटल इकोनॉमी को बढ़ावा देने के लिए ये पहल की है. नोटबंदी के बाद से ही सरकार डिजिटल लेन-देन को लेकर लोगों को जागरूक किया जा रहा है.

विश्वविद्यालय प्रमुखों को निर्देश के अनुसार, विद्यार्थियों की फीस, परीक्षा फीस, वेंडर का भुगतान और वेतन-मजदूरी आदि सभी प्रकार का भुगतान सहित संस्थान के कामकाज से जुड़ा सारा लेन-देन सिर्फ ऑनलाइन या डिजिटल तरीके से ही किया जाना चाहिए. उन्होंने कहा, छात्रावास में सभी विद्यार्थी सेवाओं के लिए तमाम लेनदेन हेतु डिटिजल भुगतान का ही प्रयोग किया जाए. परिसर में स्थित सभी कैंटीन और व्यावसायिक संस्थानों में भी डिजिटल भुगतान को बढ़ावा दिया जाना चाहिए. वे अपने बैंक खातों को आधार से लिंक करके भीम एप्प के जरिए लेनदेन कर सकते हैं.

ब्लैक मनी पर भी होगा वार
कॉलेजों में नया सत्र आरंभ होने वाला है. नए सेशन में फीस और दूसरे खर्चों को जोड़कर छात्रों से बढ़े पैमाने पर कैश वसूला जाता है. निजी कॉलेजों में इसे लेकर अच्छा खासा गोरखधंधा होता है. जिससे बड़ी मात्रा में ब्लैक मनी जेनरेट होता है. केंद्र ने इसपर अंकुश लगाने का मन बनाया है. यह कदम ब्लैक मनी से लेकर डिजिटल इंडिया को ध्यान में रखकर लिया गया है.

मानव संसाधन विकास मंत्रालय की ओर से सभी विश्वविद्यालयों और उच्च शिक्षा संस्थानों को इसे लेकर चेतावनी दी गई है. उनसे साफ कहा गया है कि आने वाले सेशन से वे किसी भी तरह का लेनदेन कैश में न करें .

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