लखनऊ। आंचलिक विज्ञान केंद्र में राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय (फील्ड ऑपरेशंस डिवीजन) द्वारा गुरूवार को भारतीय सांख्यिकी के जनक प्रोफेसर प्रशांत चन्द्र महानलोबिस के जन्म दिवस पर 17वां सांख्यिकी दिवस कार्यक्रम का आयोजन किया गया।

इस अवसर पर उप महानिदेशक रजनीश माथुर ने दीप प्रज्ज्वलित कर कार्यक्रम का उद्घाटन किया। हर वर्ष सांख्यिकी दिवस कार्यक्रम का आयोजन एक विशेष विषय के साथ किया जाता है। इस वर्ष की थीम ‘सतत विकास लक्ष्यों की निगरानी के लिये राज्य संकेतक ढांचे को राष्ट्रीय ढांचे के साथ संरेखण कराना‘ है।
उप महानिदेशक रजनीश माथुर ने कार्यक्रम में आये लोगों का स्वागत किया एवं मंत्रालय के ढांचे एवं उनकी गतविधियों से सभी को अवगत कराया।

राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय के भूतपूर्व महानिदेशक व वर्तमान में उत्तर प्रदेश के आर्थिक एवं योजना सलाहकार के पद पर कार्यरत आशीष कुमार ने अंतर राष्ट्रीय स्तर पर भारतीय सांख्यिकी के महत्व पर प्रकाश डाला।

कार्यक्रम के मुख्य अथिति लखनऊ विश्वविद्यालय के प्रोफेसर डॉ मनोज कुमार अग्रवाल ने थीम पर प्रकाश डालते हुए आकड़ों के महत्व पर प्रकाश डाला।
प्रमुख वक्ता डॉ निधि नागर, डीएवी कालेज लखनऊ एवं मेघना अटवानी, सहायक प्रोफेसर, श्री जय नारायण मिश्र पीजी कालेज, केकेसी लखनऊ द्वारा व्याख्यान दिया गया।

कार्यक्रम में निदेशक विवेक श्रीवास्तव, उप निदेशक डॉ सचिन कुमार यादव, वरिष्ठ सांख्यिकी अधिकारी अनिल कुमार पाण्डेय साहित विभागीय अधिकारी व कर्मचारी मौजूद रहे। मंच का संचालन शिवानी सक्सेना द्वारा किया गया।

तारीख, विषय, महत्व और इतिहास
सांख्यिकी और आर्थिक नियोजन के क्षेत्र में प्रोफेसर प्रशांत चंद्र महालनोबिस द्वारा किए गए महत्वपूर्ण योगदान का सम्मान करने के लिए प्रतिवर्ष 29 जून को राष्ट्रीय सांख्यिकी दिवस मनाया जाता है। अक्सर ‘भारतीय सांख्यिकी के पिता’ के रूप में सम्मानित, प्रोफेसर महालनोबिस महालनोबिस दूरी विकसित करने के लिए प्रसिद्ध हैं, एक सांख्यिकीय उपाय जिसका उपयोग एक बिंदु और वितरण के बीच असमानता को निर्धारित करने के लिए किया जाता है।

सांख्यिकी दिवस का महत्व युवा पीढ़ी में रणनीति, आर्थिक योजना और नीति निर्माण में सांख्यिकी की भूमिका और महत्व के बारे में सार्वजनिक जागरूकता पैदा करना है। इस अवसर को सांख्यिकी के क्षेत्र में प्रोफेसर महालनोबिस की उपलब्धियों से सीखने के लिए एक अनुस्मारक के रूप में मनाया जाता है।
इस दिन का उद्देश्य स्वर्गीय महालनोबिस से प्रेरणा लेते हुए सामाजिक-आर्थिक नियोजन और नीति निर्माण में सांख्यिकी की भूमिका और महत्व के बारे में जनता, विशेष रूप से युवा पीढ़ी के बीच जागरूकता बढ़ाना है।

भारत सरकार ने 5 जून, 2007 को सांख्यिकी और आर्थिक नियोजन के क्षेत्र में प्रशांत चंद्र महालनोबिस द्वारा किए गए योगदान की मान्यता में 29 जून को राष्ट्रीय सांख्यिकी दिवस के रूप में नामित किया। पहला राष्ट्रीय सांख्यिकी दिवस 29 जून, 2007 को मनाया गया था और तब से यह उसी दिन मनाया जा रहा है।
प्रोफेसर महालनोबिस भारत के पहले योजना आयोग का हिस्सा थे और 1931 में भारतीय सांख्यिकी संस्थान (आईएसआई) की स्थापना में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी।

 

 

 

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