बीएचयू आईएमएस में पोस्ट ग्रेजुएट मेडिकल कोर्स में 50 फीसदी (इंस्टीट्यूशनल) इन हाउस कोटा बहाल कर दिया गया है। बुधवार को हुई सुनवाई में सुप्रीम कोर्ट ने हाईकोर्ट के उस फैसले को रद्द कर दिया, जिसमें हाईकोर्ट ने 50 फीसदी इन हाउस कोटा को खत्म करने का आदेश दिया था।

हाईकोर्ट ने बीते 29 मई को इन सीटों पर नीट 2017 के तहत दाखिला देने का निर्देश दिया था। सुप्रीम कोर्ट के फैसले से बीएचयू में दाखिला पा चुके इन हाउस मेडिकल छात्र में खुशी है।

बीएचयू आईएमएस के पीजी कोर्स एमडी/एमएस में कुल 134 सीटें हैं। इसमें 67 सीट यानी की 50 फीसदी सीटें बीएचयू के एमबीबीएस, बीडीएस और बीएएमएस के छात्र-छात्राओं के लिए आरक्षित हैं और ये नियम मेडिकल काउंसिल ऑफ इंडिया (एमसीआई) द्वारा ही बनाए गए हैं।

इसी नियम के तहत बीएचयू में एमडी/एमएस 2017 की प्रवेश प्रक्रियाएं पूरी कर ली गई थीं क्योंकि प्रवेश प्रक्रिया पूरी करने की अंतिम तिथि 31 मई निर्धारित थी। इसी बीच एक अभ्यर्थी की याचिका पर हाईकोर्ट ने 29 मई को इस आदेश को खत्म करने का निर्देश दे दिया।

इसके खिलाफ विश्वविद्यालय प्रशासन ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल की थी। बुधवार को सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद विश्वविद्यालय के छात्रों के चेहरे पर खुशी छा गई है। वहीं, विश्वविद्यालय प्रशासन ने भी सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले का स्वागत किया है।

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