चुनाव से ठीक पहले SC-ST एक्ट के मुद्दे ने जोर पकड़ लिया है। एक्ट में केंद्र सरकार के संशोधन के विरोध में अब सामान्य वर्ग के कई संगठन खुलकर बीजेपी के विरोध में आ गए है। देश में क्षत्रियों के सबसे बड़े संगठन अखिल भारतीय क्षत्रिय महासभा ने आगामी विधानसभा चुनाव में बीजेपी को हराने का ऐलान किया है।

संगठन के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमरसिंह भदौरिया ने कहा कि आगामी विधानसभा चुनाव में संगठन बीजेपी उम्मीदवारों का विरोध करेगा। भदौरिया ने एक्ट में केंद्र सरकार के बदलाव करने को गलत ठहराते हुए कहा कि इससे सामान्य वर्ग के हितों को गहरी चोट पहुंची है।

वहीं अखिल भारतीय ब्राह्मण महासभा के राष्ट्रीय अध्यक्ष राजेंद्रनाथ तिपाठी ने कहा कि महासभा चुनाव के समय हर जिले में बीजेपी उम्मीदवारों का विरोध करेगी। महासभा हर राज्य में विधानसभा घेराव का कार्यक्रम भी तैयार कर रही है।

एक्ट के विरोध में बीजेपी नेता का इस्तीफा 

इतना ही नहीं, बीजेपी के अंदर भी अब इस एक्ट का विरोध शुरू हो गया है। श्योपुर में जिला बीजेपी के कोषाध्यक्ष नरेश जिंदल ने अपनी ही पार्टी से नाराजगी जाहिर करते हुए पार्टी के कोषाध्यक्ष और पार्टी की सदस्यता से इस्तीफा पद से इस्तीफा दे दिया है। जिंदल ने भाजपा पर सामान्य और ओबीसी वर्ग की अनदेखी का आरोप लगाया है।

मध्यप्रदेश में सड़क पर उतरे लोग

एक्ट के विरोध में लोग अब सड़क पर उतरकर विरोध जताने लगे हैं। लोगों का गुस्सा राजनीतिक दलों के खिलाफ है। मुरैना में बीजेपी के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष प्रभात झा को काले झंडे दिखाए गए। गुस्साए लोगों ने प्रभात झा वापस जाओ के नारे लगाए।

वहीं अशोकनगर और आरोन में कांग्रेस सांसद ज्योतिरादित्य सिंधिया का विरोध करते हुए लोग सड़क पर उतर आए। गुना के आरोन में तो गुस्साए लोगों पर काबू पाने के लिए पुलिस को हल्का बल प्रयोग करना पड़ा। इसके साथ ही राज्य के रतलाम, महू, मुरैना, श्योपुर सहित कई गुना और मालवा के कई जिलों में सामान्य वर्ग के लोगों ने अपने घरों के सामने बोर्ड लगाकर इस बात का एलान कर दिया है कि इस चुनाव में वो वोट नहीं करेंगे। लोगों का आरोप है कि बीजेपी हो या कांग्रेस दोनों ही दलों ने सामान्य और ओबीसी वर्ग की अनदेखी की है।

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