1 सितंबर से ट्रेन में IRCTC की तरफ से ई- टिकट पर दी जाने वाली मुफ्त ट्रेवल इंश्योरेंस की सुविधा को बंद किया जा रहा है. अब अगर आप इंश्योरेंस की सुविधा लेना चाहते हैं तो इसके लिए आपको अलग से पेमेंट करना पड़ेगा. इसके साथ ही आज पोस्ट ऑफिस का पेमेंट बैंक शुरू हो जाएगा. इसमें आपको घर बैठे ही मुफ्त में सारी बैंकिंग सुविधाएं मिलेंगी. आइए जानें और क्या होंगे बड़े बदलाव…

(1) IRCTC की ओर से 1 सितंबर से ई- टिकट पर दी जाने वाली मुफ्त ट्रेवल इंश्योरेंस की सुविधा को बंद किया जा रहा है. अब अगर आप इंश्योरेंस की सुविधा लेना चाहते हैं, तो इसके लिए आपको अतिरिक्त भुगतान करना होगा. यानी आप इंश्योरेंस लेना चाहते हैं तो अतिरिक्त भुगतान करना जरूरी है.

रेलवे के इस फैसले के बाद सफर करने वाले यात्री की इच्छा पर निर्भर करेगा कि वह इंश्योरेंस कराना चाहता है या नहीं. आपको बता दें कि आईआरसीटीसी दिसंबर 2017 से यात्रियों को फ्री इंश्योरेंस की सुविधा दे रहा है. उस समय आईआरसीटीसी की तरफ से फ्री इंश्योरेंस की सुविधा डिजीटल ट्रांजैक्शन को प्रमोट करने के लिए दी गई थी. उस समय आईआरसीटीसी ने डेबिट कार्ड से टिकट का भुगतान करने पर लगने वाले चार्ज को भी खत्म कर दिया था.

(2) डाक विभाग के पूर्ण स्वामित्व वाले इंडिया पोस्ट पेमेंट्स बैंक (IPPB) 1 सितंबर से शुरू हो जाएगा. वित्त राज्य मंत्री मनोज सिन्हा ने बुधवार को यह जानकारी देते हुए बताया कि यह बैंक कई मायनों में आम बैंकों से अलग होगा. यह देश का पहला ऐसा बड़ा बैंक होगा, जो लोगों घर पर बैंकिंग की सर्विस मुहैया कराएगा. डाक विभाग के देश भर में फैले अपने डाक सेवकों और पोस्टमैन (पोस्टमैन) के जरिए यह सर्विस मुहैया कराएगा. आपको बता दें कि बैंक जहां सेविंग अकाउंट पर  4 फीसदी के आसपास ब्याज देते हैं, वहीं  डाक विभाग का पेमेंट बैंक सेविंग अकाउंट पर 5.5  फीसदी ब्याज देगा.

(3) अगर आप 1 सितंबर से कार और बाइक खरीदने जाएंगे तो आपको इनकी कीमत ज्यादा चुकानी होगी. दरअसल सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद IRDAI ने थर्ड पार्टी इंश्योरेंस के नए नियम जारी किए हैं. इसमें बाइक के लिए 5 साल का थर्ड पार्टी इंश्योरेंस और कार के लिए 3 साल का इंश्योरेंस किया जाएगा. पहले ये 1 साल का ही होता है. इस कारण अब आपको 2 साल के थर्ड पार्टी के बीमा का प्रीमियम अब गाड़ी खरीदते समय देना होगा.

(4) आधार जारी करने वाली संस्था UIDAI ने आखिरकार फेस रिकग्निशन (चेहरे से पहचान) को चरणबद्ध तरीके से लाने की घोषणा कर दी है. फेस रिकग्निशन सत्यापन का एक अतिरिक्त जरिया होगा. फेस रेकग्निशन की शुरुआत टेलीकॉम सर्विस देने वाली कंपनियों से होगी और यह 15 सितंबर से शुरू होगा. आधार जारी करने वाली UIDAI की पहले 1 जुलाई 2018 से फेस रेकग्निशन फीचर लाने की योजना थी. बाद में इस तारीख को आगे बढ़ाकर 1 अगस्त 2018 कर दिया गया.

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