लखनऊ। घटना 29 जुलाई दिन शुक्रवार की है। समय लगभग दोपहर के दो बजे। विजय राज सिंह एसीपी उत्तरी पुलिस कमिश्नरेट के आदेश पर रामचंद्र और अनुज को कोतवाली में बने भगवान शंकर के मंदिर में कसम खाने के लिए भेजा गया। अनुज ने कसम खाई कि मैंने पैसे दिये हैं और रामचंद्र ने कसम खाई कि मैने पैसे नहीं लिये हैं। अब अलीगंज पुलिस इंतजार कर रही है कि भगवार भोले शंकर आकर बताये कि कौन झूठ बोल रहा है और कौन सच बोल रहा है।

यह कहानी न यहां शुरू हुई और न ही यहां खत्म हुई है। यह कहानी शुरू हुई आज से लगभग दो साल पहले वर्ष 2020 के माह फरवरी में रामचन्द्र ने अपनी टैक्सी कार यूपी 32 एचएन 3625 होंडा अमेज 15000 हजार रूपये मासिक किराये पर दे दी। आठ मार्च 2020 को अनुज ने रामचंद्र को 25 हजार रूपये खाते में दिये।

इसके बाद मार्च में ही पूरे देश कोरोना संबंधित लॉकडॉउन लग गया। लॉक डॉउन होने की वजह से अनुज ने किराया बाद में देने का आश्वासन दिया। समय बीतता गया। जुलाई 2020 में रामचंद्र ने अनुज से किराया मांगा। अनुज ने रामचंद्र को एक चेक 2 लाख 25 हजार का चेक दिया और कहा कि इसे तुम गांरटी के तौर पर रख लो। रामचंद्र ने चेक लेने से मना कर दिया। 4 जुलाई 2020 को अनुज ने रामचंद्र को फैजुल्लागंज में जगलाल पेट्रोल पम्प बुलाया। अनुज ने रामचंद्र से कहा कि अभी काम नहीं चल रहा है इसलिए मैं किराया देने में अस्मर्थ हूं। इस पर रामचंद्र ने कहा कि किराया नहीं दे पा रहे हो तो मेरी गाड़ी वापस करो। वाद-विवाद बढ़ा तो अनुज ने गांड़ी और किराया दोनों देने से मना कर दिया। अनुज ने अपने 8-10 मित्रों को बुला लिया और रामचंद्र को मारा पीटा और दोबारा गाड़ी या किराया मांगने पर जान से मारने की धमकी दी।

रामचंद्र ने 112 पर फोन किया तो मड़ियाव पुलिस ने दोनों पक्षों को मडियाव थाने ले गई। मडियाव पुलिस ने रामचंद्र को 12 बजे तक थाने में बैठा कर रखा। मडियाव पुलिस ने रामचंद्र से समझौता करने का दबाव बनाया जब वह नहीं माना तो उसे गालियां देकर उसे वहां से भगा दिया। मडियाव पुलिस एक सिपाही ने रामचंद्र से कहा कि तुम अनुज को जानते नहीं हो वह वह काफी बड़े लोगों के साथ उठता बैठता है। अब तक कई नेता मंत्रियों के फोन आ चुके हैं साहब के पास।

इस घटना को भले ही दो साल बीत गये हो पर आज तक रामचंद्र को इंसाफ नहीं मिला है। रामचंद्र अपनी गाड़ी की किस्ते नहीं भर पाया और उसके पास बैंक वाले नोटिस पर नोटिस भेज रहें।

रामचंद्र ने अब तक कई बार मुख्यमंत्री से जनसुनवाई ऐप के माध्यम से शिकायत की है। लेकिन हर बार उसके हिस्से में हतासा और निरासा ही आई। इटौजा थाने कि पुलिस हो या मडियाव थाने की पुलिस या अलीगंज थाने की पुलिस अनुज के नाम से शायद डरती है या उसके मित्रों से।

वहीं दूसरी ओर अनुज ने होंडा अमेज टैक्सी कार यूपी 32 एचएन 3625 को सीएमओ आफिस में कोविड ड्यूटी में 23 हजार रूपये पर चलवा रहा है।

इसका खुलासा तब हुआ जब विभाग ने कहा कि वह गाड़ी मालिक के खाते में ही भुगतान करेंगे। अब अनुज का भुगतान नहीं हो रहा। अनुज वैभव लक्ष्मी ट्रवैल्स एजेंसी के माध्यम से सीएमओ ऑफिस में गाड़ी लगवाई थी। वह विभाग पर तो सीधे कोई कार्रवाई नहीं कर सकता था। इस लिए उसने एक बार फिर अपने मित्रों के माध्यम से वैभव लक्ष्मी ट्रवैल्स एजेंसी के मालिक दीपक शुक्ला के खिलाफ 22 दिसम्बर 2021 को 406, 504, 506 का मुकदमा लिखवा दिया।

लक्ष्मी ट्रवैल्स एजेंसी के मालिक दीपक शुक्ला ने बताया newshawk को बताया कि अनुज तो कहता है कि ‘जब सैंया भये कोतवाल तो डर काहे का’

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