देखो भाई लोगो हमने इतनी संस्थाये बना तो दी , लोकतंत्र है भाई । कोर्ट है, कचहरी है थाना है पोलीस है सीबीआई है । लेकिन भाई देखो इसका मतलब ये नहीं है कि लोकतंत्र के नाम पर तुम लोग हमे ही अंदर करने की बात करने लगो। हमही लोग बनाये और हमका ही …….। इ सब छोडो की हम कितना कमा रहे है मज़ा कर रहे है, बस तुम ‘काम’ देखो । पिछली वाली सरकार ने 30% और 70% का बनाया था कि 30% पर काम होगा बाकी सब पर हम मौज़ करेंगे । इसको हमने सिर्फ आप लोगो के लिये ‘एहसान ही समझियेगा’ 50% और 50% कर दिया । भाई सत्ता का मतलब ही मौज़ करना होता है, लोकतंत्र लोकतंत्र मत चिल्लाओ । तुमको क्या दिक्कत है कि मैं 20 गाडी, गनर , नीली-लाल बत्ती, हूटर आदि लगा के चलता हूँ । खुलेआम गरिया देता हूँ , हमारे रिश्तेदार भी ठसक में रहते है , 2-4 को सेट कर दिया तो क्या हुआ अपनी संपत्ति भी तो कोई संभालेगा। भाई सत्ता पर है , ये सब नहीं करेंगे तो मज़ा कैसा सत्ता का । तुमलोगों के हिस्से का ‘कुछ’ मिल तो रहा है । ‘और’ चाहिए तो भाई हमारे जैसे लोगो की चाकरी करो चापलूसी करो और दे देंगे ।
देखो भाई लोगो मुझे पता चल गया तुम लोगो से हमारी खुशियाँ और मौज़ देखे नहीं जाते । बहुतै कुंठित हो यार तुम लोग । तुमको रोक कौन है बे हमारी जमात में शामिल होने से , आईएस , आईपीएस बनो मेहनत करो, फिर मौज़ करना , जनता को कीड़े माँकौड़े तुम भी समझना, जूते तले रखना। नेता बन जाओ, चापलूसी करो , नहीं तो गुंडा माफिया बन के सत्ता में आ जाओ । न्यूज़ चैनल खोल , खबरों का व्यपार करो, ड्रग्स बेचो , देश बेचो , पैसे कैसे भी बनाओ और सत्ता खरीद लो । यहाँ सब बिकाऊ है भाई , बोली तो लगाओ । और फिर तुम देखना सीबीआई, कोर्ट , कचेहरी फिर तुम्हरो कुछ न बिगाड़ पाइए। और ज्यादा दिक्कत करेगी मीडिया तो विदेश निकल जाना और वहा रखे धन पर मौज़ करना। बैकअप प्लान ज़रूर तैयार रखना भाई। अब आगे से मत बोलना निस्पक्ष जांच निकाय, न्याय, भ्रष्टाचार मुक्त , बराबरी का व्यहव्हार। ये सब केवल भाषणों के लिए है । आना है तो सत्ता में आओ तब पता चलेगा कितनी मेहनत से आते है और फिर भी मज़ा न ले। तुम ‘काम’ देखो , एहसान देखो । नहीं तो चलते बनो , कौन हो बे हट हुर्र निकल …

लेखक परिचयर:

अभिजात श्रीवास्तव

टैक्स इंस्पेक्टर

 

About The Author

%d bloggers like this: