ज्येष्ठ मास के शुक्ल पक्ष की दशमी तिथि को गंगा दशहरा का पावन पर्व मनाया जाता है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, ज्येष्ठ शुक्ल दशमी को मां गंगा का पृथ्वी पर अवतरण हुआ था। उन्होंने राजा भगीरथ के पूर्वजों का उद्धार किया, जिससे उन्हें मोक्ष की प्राप्ति हुई। गंगा दशहरा के दिन गंगा नदी में स्नान करना बेहद शुभ माना जाता है। मान्यता है कि इस दिन मां गंगा की पूजा करने से पापों से मुक्ति मिलती है और मृत्यु के बाद मोक्ष की प्राप्ति होती है। गंगा दशहरा के मौके पर काशी, प्रयागराज, हरिद्वार, ऋषिकेश, गढ़मुक्तेश्वर आदि स्थानों पर स्नान का आयोजन किया जाता है। शाम के समय गंगा आरती भी होती है।

गंगा दशहरा कब है?

हिंदू पंचांग के अनुसार, गंगा दशहरा 09 जून को मनाया जाएगा। ज्येष्ठ मास के शुक्ल पक्ष की दशमी तिथि का प्रारंभ 09 जून दिन गुरुवार को सुबह 08 बजकर 21 मिननट पर होगा, इस तिथि का समापन 10 जून, शुक्रवार को सुबह 07 बजकर 25 मिनट पर होगा।

हस्त नक्षत्र में अवतरित हुई थीं मां गंगा-

पौराणिक कथाओं के अनुसार, मां गंगा का अवतरण ज्येष्ठ शुक्ल दशमी को हस्त नक्षत्र में हुआ था। हस्त नक्षत्र का प्रारंभ 09 जून को सुबह 04 बजकर 31 मिनट पर हो रहा है, इसका समापन 10 जून को सुबह 04 बजकर 26 मिनट पर होगा।

गंगा दशहरा के दिन बन रहा शुभ योग-

इस साल गंगा दशहरा के दिन रवि योग का निर्माण हो रहा है। रवियोग की शुरुआत सुबह से ही हो जाएगी। इस योग में पूजा-पाठ करना अति लाभकारी माना गया है।

गंगा दशहरा का महत्व

गंगा दशहरा के पावन दिन मां गंगा की पूजा- अर्चना करने से सभी तरह के दोषों से मुक्ति मिल जाती है। मां गंगा की पूजा अर्चना करने से शुभ फल की प्राप्ति होती है।

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