26 मई यानी कल लोगों को अलग ही नजारा आसमान में देखने को मिलेगा। इसमें सबसे पहले तो साल का पहला चंद्रग्रहण, सुपरमून और तीसरा है ब्लड मून होगा। नासा के अनुसार भारत के समय के अनुसार यह ग्रहण दोपहर 2.17 मिनट पर शुरू होगा और शाम को 7.19 बजे समाप्त होगा।

क्या है सुपरमून: नासा के अनुसार फूलमून और सुपरमून का मतलब है, जब न्यूमून धरती के सबसे पास होगा। जब यह धरती के पास की ऑरबिट में होता है तो यह चमकीला और बड़ा दिखने लगता है। इसलिए इसे सुपरमून कहा जाता है।

क्या है लाल ब्लड मून: ग्रहण के दौरान जब चांद पर धरती की छाया पड़ती है तो यह थोड़ा डार्क हो जाता है, लेकिन यह पूरी तरह से काला नहीं होता। इसलिए इसे रेड या ब्लड मून भी कहते हैं।

कहां दिखेगा साल का दूसरा चंद्र ग्रहण-

साल का दूसरा चंद्र ग्रहण भारत के कुछ हिस्सों, अमेरिका, उत्तरी यूरोप, पूर्वी एशिया, ऑस्ट्रेलिया और प्रशांत महासागर क्षेत्र में दिखाई पड़ेगा।

क्या होता है आंशिक चंद्र ग्रहण-

चंद्र ग्रहण पूर्णिमा के दिन होता है। जब पृथ्वी, सूर्य और चंद्रमा के बीच आ जाती है यानी सूर्य, पृथ्वी और चंद्रमा एक सीध में आ जाते हैं तो इस घटना को चंद्र ग्रहण कहते हैं। जब पूरा चंद्रमा पृथ्वी की छाया में होता है तब पूर्ण चंद्र ग्रहण होता है। जब चंद्रमा का केवल एक भाग पृथ्वी की छाया में आता है तो आंशिक चंद्र ग्रहण होता है।

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