मुंबई। देश की तीन प्रमुख तेल विपणन कंपनियां 16 जून से पेट्रोल और डीजल की कीमतों की रोजाना समीक्षा करेंगी। यानी हर रोज इनकी कीमत कम या ज्यादा होगी। यह घटत-बढ़त इस बात पर निर्भर करेगी कि कच्चे तेल की वैश्विक कीमतें क्या चल रही हैं। फिलहाल तेल कंपनियां हर 15 दिन पर कीमतों की समीक्षा करती हैं।

दरअसल, पेट्रोलियम पदार्थों की कीमत रोज तय करने का परीक्षण उदयपुर, जमशेदपुर, विशाखापट्टनम, चंडीगढ़ और पुदुचेरी में 1 मई से शुरू किया गया था। वहां यह ट्रायल सफल रहने के बाद इंडियन ऑयल कॉरपोरेशन, हिन्दुस्तान पेट्रोलियम और भारत पेट्रोलियम कॉरपोरेशन ने इसे 15 जून से देश भर में लागू करने का फैसला किया है।

विकसित देशों में है यह सिस्टम

कई विकसित देशों में पेट्रोलियम पदार्थों की कीमतों के रोज के बदलाव का सिस्टम लागू है। बीपीएसएल के सूत्रों का दावा है कि इससे ग्राहकों को फायदा होगा। कंपनी का कहना है कि लोग पेट्रोल या डीजल खरीदने से पहले तीनों कंपनियों द्वारा उस दिन दी जा रही कीमत की तुलना करके ईंधन खरीदेंगे, जिससे उन्हें फायदा होगा।

सूत्रों ने बताया कि पेट्रोलियम मंत्रालय के निर्देशों के मुताबिक हर दिन आधी रात को कीमतों में बदलाव किया जाएगा। तीनों तेल कंपनियां मीडिया में विज्ञापन देकर, पेट्रोल पंपों पर कीमतों का डिस्प्ले कर, एसएमएस भेजकर या मोबाइल एप से हर दिन कीमतों की जानकारी देंगी।

इस घोषणा का हमारी जिंदगी पर होगा यह असर

उपभोक्ताओं पर कोई प्रभाव नहीं: ईंधन की कीमतों में उतार-चढ़ाव के आधार पर, एफएमसीजी उत्पादों जैसे सब्जियां आदि की कीमतों में दैनिक उतार-चढ़ाव हो सकता है। विश्लेषकों का कहना है कि उपभोक्ताओं पर इसका अधिक असर नहीं होगा, क्योंकि मूल्य में उतार चढ़ाव पैसों में होगा। कुल मिलाकर उपयोगकर्ता और उपभोक्ता ज्यादा प्रभावित नहीं होगा।

ऑयल मार्केटिंग कंपनियों को होगा लाभ: अब तत्काल तेल की कीमतों में बदलाव के कारण ऑयल मार्केटिंग कंपनियां मुनाफा कमाने और अपने ऋणों में कमी की उम्मीद कर सकती हैं। अभी तक 15 दिनों में तेल की कीमतों में बदलाव होता था, तो कंपनियां मूल्य में बदलावों का मुद्रीकरण नहीं कर पाती थीं। वास्तव में डायनेमिक प्राइस चेंज तेल विपणन कंपनियों द्वारा उनके कर्ज को कम करने के लिए प्रस्तावित एक रणनीति थी।

कम होगा राजनीतिक दखल: चुनावों के दौरान राजनीतिक दल तेल विपणन कंपनियों को कीमतें कम करने के लिए मजबूर करते थे, ताकि मतदाताओं को प्रभावित किया जा सके। भारत में ईंधन मूल्य निर्धारण के नियमन के बावजूद ऐसा होता था। अब केवल तेल विपणन कंपनियों को कीमतों में बदलाव करने की अनुमति होगी, तो डायनेमिक प्राइसिंग के कारण इस तरह के राजनीतिक हस्तक्षेप में कमी आएगी। इससे पेट्रोलियम पदार्थों के मूल्य परिवर्तन की प्रक्रिया अधिक तेज और सहज हो जाएगी।

About The Author

Leave a Reply

%d bloggers like this: