इस्लामाबाद, पाकिस्तान ने अमेरिका से अनुरोध किया है कि वह एफएटीएफ की निगरानी सूची से बाहर निकलवाने के उसके प्रयासों का समर्थन दे। बीजिंग में आतंक के वित्तपोषण पर नजर रखने वाली इस अंतरराष्ट्रीय संस्था (एफएटीएफ) की बैठक होने वाली है और इसमें आतंकवाद के वित्तपोषण और धनशोधन के खिलाफ कड़े कानून बनाने के इस्लामाबाद के प्रयासों की जांच की जाएगी।

द न्यूज की खबर के मुताबिक एक पाकिस्तानी प्रतिनिधिमंडल रविवार को बीजिंग पहुंचा। फाइनेंशियल एक्शन टास्क फोर्स (एफएटीएफ) कार्यकारी समूह की तीन दिवसीय बैठक 21 जनवरी से शुरू हो रही है। इस दौरान इस पर चर्चा की जाएगी कि क्या पाकिस्तान ने पाकिस्तान को पूर्व में दिए गए एजेंडे का पालन किया।

पाकिस्तानी प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व आर्थिक मामलों के मंत्री हम्माद अजहर कर रहे हैं और इसमें राष्ट्रीय आतंकवाद निरोधक प्राधिकरण, विदेश मंत्रालय और पाकिस्तान स्टेट बैंक के प्रतिनिधि भी शामिल हैं।

एफएटीएफ ने अक्टूबर में पाकिस्तान को अपनी ‘निगरानी’ सूची में रखने का फैसला किया था क्योंकि वह लश्कर-ए-तैयबा, जैश-ए-मोहम्मद और अन्य आतंकवादी संगठनों को वित्त पोषण पर प्रभावी तरीके से अंकुश लगाने में नाकाम रहा था।

डान अखबार की खबर में कहा गया कि पाकिस्तान के विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी ने शुक्रवार को वाशिंगटन में मीडिया ब्रीफिंग के दौरान कहा कि पाकिस्तान को उम्मीद है कि अमेरिका एफएटीएफ की बीजिंग में होने वाली बैठक के दौरान सूची से निकलने के उसके प्रयासों में उसकी मदद करेगा।

उन्होंने कहा, “यह बैठक हमारे लिए बेहद महत्वपूर्ण है क्योंकि इसके बाद अप्रैल में पेरिस में एक बैठक होगी जिसमें यह तय होगा कि विश्व निकाय पाकिस्तान को सूची में रखने का फैसला करता है या उसे हटाने का।”

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