नयी दिल्ली, सरकार ने कहा है कि घरेलू रसोई गैस सिलेंडर पर दी जाने वाली सब्सिडी को सीधे बैंक खाते में डाले जाने की उसकी मौजूदा नीति में बदलाव का कोई प्रस्ताव नहीं है।

पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस मंत्रालय ने यहां जारी एक विज्ञप्ति में यह स्पष्ट करते हुये कहा है कि एलपीजी सब्सिडी की प्रत्यक्ष लाभ अंतरण (डीबीटी) योजना में बदलाव का कोई प्रस्ताव मंत्रालय के समक्ष विचाराधीन नहीं है। ‘‘समाचार पत्रों में लाभ अंतरण योजना में बदलाव के बारे में प्रकाशित रिपोर्टें तथ्यों पर आधारित नहीं हैं।’’

दरअसल, हाल ही में कुछ समाचार पत्रों में ऐसी रिपोर्ट प्रकाशित हुई हैं कि सरकार एलपीजी सब्सिडी को सीधे उपभोक्ता के बैंक खाते में डालने के बजाय पुराना तरीका अपनाते हुये सीधे सिलेंडर की ही सस्ती दर पर आपूर्ति शुरू करेगी। सरकार घरेलू उपभोक्ता को एक साल में 12 सिलेंडर पर सब्सिडी उपलब्ध कराती है। इससे अधिक खपत होने पर ग्राहकों को बाजार दर पर सिलेंडर खरीदना होता है।

पेट्रोलियम मंत्रालय की एलपीजी उपभोक्ताओं के लिये शुरू की गई ‘पहल’ योजना के तहत साल में 12 सिलेंडर के लिये सब्सिडी उपलब्ध कराई जाती है। उपभोक्ता को सिलेंडर बाजार मूल्य पर खरीदना होता है जबकि सब्सिडी राशि उसके बैंक खाते में पहुंचा दी जाती है।

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