लखनऊ। एक समय था जब डिग्री कालेजों में या शहर के चौराहों में ही छेड़छाड़ की घटनाएं हुआ करती थीं। अब यह घटनाएं स्कूलों में भी होने लगी हैं। ताजा मामला सीएमएस अलीगंज का है जहां पर बच्चों का खेल कब छेड़छाड़ बन गया न तो स्कूल प्रबंधन जान सका औन न ही अभिवावक।

मामला राजधानी के प्रतिष्ठित स्कूल का था इसलिए बच्चों के खेल को पहले छेड़छाड़ का नाम दिया गया बाद में लोगों ने इसे बलात्कार की घटना बताकर प्रदर्शन करना शुरू कर दिया।

स्कूल के बाहर प्रदर्शन कर रहे लोगों द्वारा दीवार पर बैनर व पोस्टर लगाए जाने लगे। इस पर स्कूल प्रबंधन ने आपत्ति जताई। जिस पर माहौल और गरमा गया। प्रदर्शनकारियों ने सड़क जाम कर दिया। इस दौरान मौके पर मौजूद पुलिस ने वहां से खदेड़ भगाया।

प्रदर्शन के शुरुआती दौर में तो सामाजिक संगठन, अभिभावक और कुछ छात्र ही शामिल रहे। गंभीर बात यह रही कि हंगामे और सड़क जाम के दौरान पुलिस भी मौके पर मौजूद रही, मगर तमाशबीन की तरह।

अमूमन बच्चे जब स्कूल से घर पहुंचते हैं तो ज्यादातर अभिववाक अपने बच्चों से एक ही प्रश्न पूछते हैं कि बेटा आज स्कूल में क्या हुआ। बच्चे भी बड़ी सहजता से स्कूल में घटी घटनाओं को अपने माता-पिता को बता देते हैं।

ऐसा ही प्रश्न कक्षा तीन की उस छात्रा से उसकी मां ने किया होगा कि बेटा आज स्कूल में क्या हुआ। तो उसने बताया होगा कि मम्मी आज स्कूल में एक बड़े बच्चे ने मेरे ट्यूनिक की पीठ की जिप खोल दी। जिसकी जानकारी छात्रा की मां ने उसके पिता को दी होगी। आखिर में स्कूल प्रबंधन जान पाया होगा कि उनकी नाक के नीचे बच्चे ऐसे खेल भी खेल रहे हैं।

स्कूल की सीनियर प्रिंसपल ज्योति कश्यप ने बताया कि एक दिन पहले कक्षा आठ के दो बच्चों ने आपस में ट्रुथ ऑर डेयर के तहत किसी बच्ची के ट्यूनिक की पीठ की जिप खोलने की शर्त लगाई थी। शर्त को पूरा करने के लिए ही उस छात्र ने इस घटना को अंजाम दिया।

जिसके बाद कक्षा तीन की उस छात्रा ने घर आकर इसकी शिकायत अपनी मां से कर दी। दूसरे दिन उस छात्र के परिजन ने विद्यालय पहुंचकर प्रधानाचार्य से शिकायत की।

उन्होंने बताया कि इसके बाद संबंधित छात्र और उसके माता-पिता को प्रिंसपल ऑफिस में बुलाया गया। जहां पर लड़की के पिता ने आक्रोश में आकर उस छात्र को दो थप्पड़ मार दिए।

इसी बात पर दोनों पक्षों में तकरार शुरू हो गई। लड़के के पिता ने कहा कि आपने मेरे बेटे को थप्पड़ मारकर अपराध किया है और इसके लिए मैं थाने में प्राथमिकी दर्ज कराऊंगा। यह सुनकर लड़की के पिता ने गुस्से में डॉयल 100 पर पुलिस को इसकी सूचना दे दी। इसके बाद दोनों पक्ष अलीगंज थाने पहुंच गए।

उन्होंने बताया कि इस घटना के बाद स्कूल प्रबंधन ने कक्षा आठ के छात्र को स्कूल से निष्कासित कर दिया। लेकिन किसी भी पक्ष ने इस संबंध में कोई लिखित शिकायत दर्ज नहीं कराई। छात्र के पिता ने सीओ को लिखित में माफीनामा दिया एवं लड़की के माता-पिता ने लिखित में दिया कि वे कोई अग्रिम कार्यवाही नहीं चाहते हैं।

बेहद गंभीर बात है कि बिना प्रकरण की सच्चाई जाने कुछ एनजीओ तत्वों ने प्रदर्शन भी शुरू कर दिया, जो कि सही नहीं है।

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