आई लव मोहम्मद’ के जवाब में ‘आई लव महादेव’ के पोस्टर

वाराणसी में संतों ने ‘आई लव मोहम्मद’ के जुलूस के जवाब में ‘आई लव महादेव’ का पोस्टर जारी किया है. यह घटना गुरुवार (आज) को वाराणसी के अस्सी इलाके में स्थित सुमेरु पीठ के आश्रम में हुई. दर्जनों संतों ने हाथों में पोस्टर लेकर शंखनाद किया और ‘हर हर महादेव’ का नारा लगाया.
संतों ने यह पोस्टर कथित तौर पर देश को अस्थिर करने की साजिश के जवाब में जारी किया है. पोस्टर जारी करने के बाद संतों ने इसे काशी की गलियों और चौराहों पर भी लगाया. इसकी चारों तरफ चर्चा हो रही है. सोशल मीडिया पर इसका वीडियो वायरल है. सुमेरु पीठ के पीठाधीश्वर स्वामी नरेंद्रानंद ने इस दौरान एक कड़ा बयान दिया. उन्होंने कहा कि भारत को नेपाल या बांग्लादेश नहीं बनने दिया जाएगा. उन्होंने चेतावनी देते हुए कहा कि अगर कोई नहीं माना तो उसे ‘ठोक देंगे’. स्वामी नरेंद्रानंद ने आरोप लगाया कि विदेशी फंडिंग के जरिए मौलाना जानबूझकर देश कमजोर और अस्थिर करने के लिए ऐसी साजिशें रच रहे हैं, जिनका जवाब देना जरूरी है.
यह मामला तब सामने आया जब उत्तर प्रदेश से शुरू हुआ ‘आई लव मोहम्मद’ जुलूस धीरे-धीरे देश के अन्य हिस्सों में भी फैलने लगा. इस जुलूस के बढ़ते प्रभाव को देखकर काशी के संतों ने इसका जवाब देने का फैसला किया. उन्होंने न केवल पोस्टर जारी किए, बल्कि इन्हें जगह-जगह लगाकर अपना विरोध भी जताया.
कानपुर में 5 सितंबर 2025 को आई लव मोहम्मद का बोर्ड सामने आया था. उसके बाद आई लव मोहम्मद बनाम आई लव महाकाल का बवाल देश के कई हिस्सों में फैल चुका है. कानपुर से लेकर उज्जैन और गांधीनगर तक में पोस्टरबाजी का दौर शुरू हो चुका है. गांधीनगर से बड़ी खबर सामने आई है. इसका असर महाराष्ट्र की राजधानी मुंबई में भी देखने को मिला है. आई लव मोहम्मद पोस्टर विवाद के बाद अब गरबा पंडालों में आई लव महादेव कैंपेन चल पड़ा है. मुम्बई के गरबा पंडालों में युवतियां और महिलाएं I love Mahadev के पोस्टर लेकर पहुंचने लगी हैं. बुधवार रात मुम्बई के आरे कॉलोनी के एक गरबा पंडाल में आई लव महादेव लिखा पोस्टर लेकर पहुंचीं.
गुजरात में बवाल
उमर अब्दुल्ला ने की ‘आई लव मुहम्मद’ बोर्ड पर एफआईआर की निंदा
विहिप नेता ने कहा कि संविधान ने हर धर्म के व्यक्ति को अपने प्रिय देवी-देवता या पैगंबर को प्यार करने की आजादी दी है। उन्होंने कहा कि ईश्वर प्रेम का प्रतीक होता है, लेकिन जिस तरह ‘आई लव मुहम्मद’ कैंपेन चलाकर एक धर्म के नाम पर पूरे देश-दुनिया में हिंसात्मक प्रदर्शन हो रहे हैं, यह स्थिति चिंताजनक और भयावह है। इसकी किसी भी कीमत पर अनुमति नहीं दी जा सकती। उन्होंने कहा कि हिंसात्मक सोच और आपत्तिजनक नारे लगाने की आजादी कोई भी संविधान नहीं देता और इस तरह की बयानबाजी से हर हाल में बचना चाहिए।
‘आई लव मोहम्मद’ नारे पर समाजवादी पार्टी की सांसद इकरा हसन ने कहा
“उत्तर प्रदेश में मौजूदा सरकार संविधान और देश के नागरिकों के अधिकारों से अनजान लगती है. हम समझ नहीं पा रहे हैं कि यहाँ किस तरह की क़ानून व्यवस्था चल रही है.”
सांसद इकरा हसन ने कहा, “आलोचना तो समझ में आती है, लेकिन अगर कोई किसी त्यौहार के दौरान अपने धर्म के बारे में कुछ अच्छा कहे – जैसे इमाम महदी या पैगम्बर मुहम्मद (सल्लल्लाहू अलैहि वसल्लम) की तारीफ़ में, जिन्होंने हमेशा शांति और भाईचारे को बढ़ावा दिया… पूरे देश और दुनियां उनके चाहने वाले हैं…”
सपा सांसद इकरा हसन ने आगे कहा कि, “इनके (प्रदेश सरकार) के इस तरह फरमानों से, इस तरह की तानाशाही से वो रुकेंगे नहीं…कोई भी नहीं रुकेगा…” सांसद ने यह भी कहा कि, मैं ये समझती हूं कि सरकार को सोचना औ समझना चाहिये कि हर मजहब पर इसी तरीके से आपत्ति लगने लगे तो कहां हम खड़े होंगे.”
सपा सांसद इकरा हसन ने इसे घिनौनी हरकत बताया है और कहा कि वह इसके खिलाफ हैं, इस सरकार का स्तर दिन प्रतिदिन गिरता जा रहा है. जनता इनको मिट्टी में मिलाने का का करेगी.”