पाक-अफगान तनाव के बीच ख्वाजा आसिफ की अपील: ट्रंप से मांगी शांति की मध्यस्थता

इस्लामाबाद: पाकिस्तान के रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ ने अफगानिस्तान के साथ शांति के लिए अमेरिका से मध्यस्थता की अपील की है। ख्वाजा आसिफ ने कहा कि अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप को हम पाकिस्तान-अफगानिस्तान के संघर्ष में मध्यस्थता के लिए आमंत्रित करते हैं। आसिफ से सवाल किया गया था कि क्या अफगानिस्तान और पाकिस्तान के बीच शांति कायम कराने में ट्रंप मददगार हो सकते हैं। इस पर आसिफ ने कहा कि वह इसके लिए आगे आते हैं तो उनका हम स्वागत करेंगे।
जियो टीवी से बात करते हुए आसिफ ने ट्रंप की जमकर तारीफ की। आसिफ ने कहा, ‘ट्रंप युद्ध रोकने वाले पहले अमेरिकी राष्ट्रपति हैं। अभी तक के अमेरिकी राष्ट्रपति केवल संघर्षों को बढ़ावा देते थे लेकिन ट्रंप जंग रोक रहे हैं। पिछले 15-20 सालों में अमेरिका ने सिर्फ युद्ध प्रायोजित किए, जबकि ट्रंप शांति वार्ता करने वाले राष्ट्रपति बने हैं। अगर वह पाकिस्तान-अफगानिस्तान युद्ध पर गौर करते हैं, तो हम उनका हार्दिक स्वागत करेंगे।’
तालिबान ने दिया पाक सेना को झटका
ख्वाजा आसिफ ने इस दौरान भारत को भी पाकिस्तान-अफगानिस्तान की लड़ाई में घसीटा। आसिफ ने कहा कि इस तनाव के पीछे दिल्ली का हाथ है। अफगानिस्तान की सरकार भारत के इशारे पर काम कर रही है। पाकिस्तान और अफगानिस्तान के बॉर्डर पर बीते हफ्ते हुए सैन्य संघर्ष में पाकिस्तान के 58 सैनिकों की मौत हुई है। यह पाकिस्तान के लिए बड़ा झटका है।
पाकिस्तान की ओर से अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की तारीफ का यह कोई पहला मामला नहीं है। पाकिस्तान के पीएम शहबाज शरीफ ने हाल ही में मिस्र में हुई गाजा पीस समिट में ट्रंप की जमकर तारीफ की थी। इस दौरान उन्होंने भारत और पाकिस्तान का युद्ध रुकवाने का श्रेय भी डोनाल्ड ट्रंप को दिया। हालांकि इस दावे को भारत खारिज करता रहा है।
पाक-अफगान तनाव
पाकिस्तान और अफगानिस्तान के बीच लंबे समय से तनाव चल रहा है। पाकिस्तान का कहना है कि अफगानिस्तान में टीटीपी जैसे गुटों को पनाह मिल रही है, जो उसकी जमीन पर हमले कर रहा है। तालिबान इससे इनकार करता है लेकिन इस मुद्दे पर दोनों पक्षों में तनातनी चल रही है। ये तनाव बीते हफ्ते चरम पर पहुंच गया है।
पाकिस्तान ने बीते हफ्ते अफगानिस्तान में टीटीपी को निशाना बनाते हुए हवाई हमले किए थे। इसके बाद अफगान तालिबान ने जवाबी हमला किया। तालिबान बलों ने बॉर्डर पर पाकिस्तानी सैनिकों पर हमला कर कई चौकियों पर कब्जा कर लिया। इस दौरान 58 पाक सैनिकों को भी तालिबान बलों ने मार डाला। इससे दोनों देश युद्ध जैसी स्थिति में पहुंच गए।