लखनऊ। स्थानंतरण नीति के विपरीत आईजी जेल पीके मिश्रा रिटायरमेंट से पूर्व जाते-जाते 50 प्रतिशत से ज्यादा तबादले कर गए। जेल विभाग के इतिहास में पहली बार इतने बड़े स्तर पर हुए तबादलों से सभी हैरान हैं।
जेल अफसरों ने आईजी पीके मिश्रा द्वारा जारी की गई तबादला लिस्ट रिस्त कर नए सिरे से करने की मांग उठाई है। अधिकारियों ने आरोप लगाया है कि आईजी ने दर्जन भर अधिकारियों को मनचाही तैनाती के लिए ऐसे दर्जनों अधिकारियों की जेलें बदल दी जिनके 9 या 10 माह पहले ही तबादले हुए थे। जबकि सूबे में कई ऐसे अधिकारी हैं जिनका तीन वर्ष का समय पूरा हो चुका है, पर उन्हें नहीं हटाया गया है।
31 मई की शाम रिटायरमेंट पार्टी के बाद आईजी जेल पीके मिश्रा ने एक साथ 47 जेलर और 82 डिप्टी जेलर के तबादले का आदेश जारी किया था।
इस लिस्ट में कई ऐसे अधिकारी शामिल हैं जिनका बीते वर्ष ही तबादला हुआ था। लिस्ट में शासन द्वारा जारी स्थानांतरण नीति का पालन नहीं किया गया। इसके तहत जेल अधिकारियों का एक जेल पर तीन वर्ष तथा जेलकर्मियों का अधिकतम सात वर्ष रहने की व्यवस्था दी गई थी। इसके बावजूद 9 या 10 माह पहले तैनाती पाए जेलर व डिप्टी जेलर जिन पर किसी प्रकार की विभागीय कार्रवाई, भ्रष्टाचार और अन्य कोई शिकायत नहीं थी। फिर भी इनके तबादले कर दिए गए। साथ ही नीति के तहत पदों के सापेक्ष करीब 20 प्रतिशत ही तबादले होने चाहिए थे। ऐसे में 50 प्रतिशत से ज्यादा तबादले नियम विरूद्ध किए गए।

विभागीय अधिकारियो की माने तो चहेते अधिकारियो की मनमाफिक जेलों पर तैनाती के लिए सत्र के अंतिम दिन तबादला सूची जारी की गई। विभाग में जेलर के कुल पद 84 है इसमें 8-10 रिक्त है इनमे 47 का तबादला कर दिया गया। इसी प्रकार डिप्टी जेलर के कुल पद 440 है इसमें करीब 250 पद रिक्त है, इनमे 82 का तबादला कर दिया।

पश्चिमी उत्तर प्रदेश की जेलों में बरसता है पैसा
सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार पश्चिमी उत्तर प्रदेश में मुरादाबाद, गाजियाबाद, गौतमबुद्धनगर, अलीगढ़, मेरठ, बुलंदशहर, सहारनपुर समेत पश्चिम की कई अन्य जेलें कमाऊं जेलों में शुमार की जाती हैं। यहां जाने के लिए जेलर की पोस्ट का 15 लाख और डिप्टी जेलर की पोस्ट का 5 लाख का रेट है।

रातभर चला ट्रांसफर-पोस्टिंग का खेल
नाम न छापे जाने की शर्त पर एक अधिकारी ने बताया कि आईजी जेल पीके मिश्रा की रिटायरमेंट पार्टी के बाद रात में पिकप भवन गोमती नगर में रातभर ट्रांसफर-पोस्टिंग का खेल खेला गया। इस पैसे के दम पर कई ईमानदार अफसरों के विकिट गिराये गये और पैसे के दम पर कई दागी अफसरों को दोबारा बैटिंग करने का मौका दिया गया।

newshawk.in के पास ऐसे कई सबूत है जिससे साफ पता चलता है कि आईजी जेल पीके मिश्रा को रिटायरमेंट गिफ्ट में 5 करोड़ देने के लिए अधिकारियों ने बोली लगाकर और नियमों को ताक में रखकर ट्रांसफर-पोस्टिंग का खेल खेला है।

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