नयी दिल्ली, केंद्रीय मंत्री सुरेश प्रभु ने आज कहा कि आयुष उद्योग की वृद्धि दोहरे अंक में रहेगी और यह क्षेत्र 2020 तक प्रत्यक्ष रूप से 10 लाख तथा परोक्ष रूप से 2.5 करोड़ लोगों को रोजगार उपलब्ध कराएगा। सरकार की 2022 तक आयुष क्षेत्र में तीन गुना वृद्धि पर नजर है। आयुष चिकित्सा और स्वास्थ्य देखभाल की एक परंपरागत प्रणाली है जिसमें आयुर्वेद, योग तथा प्राकृतिक चिकित्सा, यूनानी, सिद्ध तथा होम्योपैथी शामिल हैं। केंद्रीय वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री प्रभु ने कहा, ‘‘आयुष का घरेलू बाजार 500 करोड़ रुपये होने का अनुमान है। वहीं निर्यात करीब 200 करोड़ रुपये का है। स्टार्टअप की योजना बना रहे भारतीय युवा उद्यमियों को इसमें काफी मौके मिल सकते हैं।’’ स्वास्थ्य पर आयोजित सम्मेलन-आरोग्य 2017 को संबोधित करते हुए मंत्री ने कहा कि सरकार ऐसी बेहतर व्यवस्था तैयार करने के लिये सभी देशों के साथ काम करने में खुशी होगी जिसमें पंरपरागत चिकित्सा की जानकारी लोगों तक दी जा सके। इससे सभी के लिये फायदेमंद स्थिति तैयार की जा सकती है। उन्होंने कहा कि सरकार ने आयुष में 100 प्रतिशत प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) की अनुमति दी है और क्षेत्र में व्यापक संभावना के उपयोग के लिये संबंधित पक्षों के संसाधनों को लेकर एक मंच पर आने की जरूरत को रेखांकित किया। प्रभु ने कहा, ‘‘देश में 6,600 औषीधीय संयंत्र हैं और इसके साथ भारत आयुष तथा हर्बल उत्पादों का दूसरा सबसे बड़ा निर्यातक है। हमारे पास….आयुष बुनियादी ढांचे को भारतीय स्वास्थ्य प्रणाली से एकीकृत करने का एक अवसर है।’’ आयुष मंत्रालय में सचिव वैद्य राजेश कोटेचा ने कहा कि मंत्रालय अगले पांच साल में आयुष क्षेत्र का आकार तीन गुना बढ़ाने को लेकर प्रतिबद्ध है।

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