लखनऊ। उत्तर प्रदेश के कारागार विभाग में डीपीसी होने जा रही है। डीपीसी में ज्येष्ठता से ज्यादा श्रेष्ठता को ध्यान में रखते हुये डिप्टी जेलरों को जेलर के पद पर प्रोमोट करने की बाद कही जा रही है।

जानकारी के अनुसार पुलिस महानिरीक्षक/कारागार महानिदेशक आनंद कुमार के प्रयास से डिप्टी जेलर से जेलर के 22 पद पदोन्नति के लिए कारागार प्रशासन से कुल 33 डिप्टी जेलर के नाम शासन को चुनाव हेतु भेजे गये हैं, जिनमें कुछ डिप्टी जेलर ऐसे भी हैं जो लगभग 24 वर्ष से लगातार डिप्टी जेलर के पद पर कार्यरत हैं तथा अभी तक एक बार भी पदोन्नति नहीं हुई है। ऐसी स्थिति में आज भी शशंकित हैं कि पूर्व की भांति पुनः हाने जा रही डीपीसी में फिर से चुनाव से बाहर न कर दिया जाए।

जबकि इन डिप्टी जेलर के रिटायरमेंट के कुछ ही वर्ष शेष हैं, ऐसी स्थिति में एक भी प्रमोशन न मिलना बहुत ही शर्मनाक विषय है। इसलिए उक्त डिप्टी जेलरों ने महानिरीक्षक/कारागार महानिदेशक से अनुरोध किया है कि उनके लम्बे सर्विस काल को देखते हुए पदोन्नति दे दी जाए, क्योंकि उक्त डिप्टी जेलर के अलावा मात्र सर्विस अभी 15 वर्ष हुए हैं।

उन्होंने अपनी पैरवी शासन व प्रशासन में करके कुल 18 पद जेलर के नये सृजित करा दिये हैं, जिनकी स्वीकृति शासन से होकर जल्द आने वाली है, ऐसी स्थित में यदि 1995 से कार्यरत डिप्टी जेलर यदि इसी पद पर बने रह गये तथा उनके 10 वर्ष जूनियर डिप्टी जेलर यदि पदोन्नति पा लेते हैं, तो उनके लिए समाज में बहुत ही अपमानित भरे दिन जीना पेड़गा।

ऐसे में अवश्यक है कि सन् 1995 से कार्यरत डिप्टी जेलरों के लम्बे सर्विस के योगदान को देखते हुए उनके पदोन्नति के समय नियमों को शिथिल करते हुए थोड़े दण्डों को माफ कर पदोन्नत देने का विचार करेंगे, जैसे कि पूर्व में विगत 20 वर्षों से पदोन्नति करते समय नियमों में शिथिलता बरती गयी है, ऐसी स्थिति में यह भी हकदार हो रहे हैं।

नाम न छापे जाने की शर्त पर सीनियर डिप्टी जेलरों ने बताया कि प्रदेश के कारागार विभाग में 2019-20 के डीपीसी में डिप्टी जेलर से जेलर पद पर पदोन्नति पर शासनादेश संख्या 4/2019/13 (2) 2007/क/2019 एवं शासनादेश संख्या 20-11-2017 के कार्यालय ज्ञाप 22-3-1984 के प्रस्तर-2 (2) के एवं उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग नियमावली 1970 के नियम 5 (1) में मेरिट के आधार पर पदोन्नति देने कि विचारण हेतु दिये गये निर्देशों का पालन किया गया है।

कारागार विभाग के कुछ भ्रष्ट अधिकारियों ने अपने चहेते डिप्टी जेलरो को फायदा पहुंचाने के लिये नियमों को तोड़-मरोडकर प्रस्तुत किया है।

सीनियर डिप्टी जेलरों का प्रश्न है कि विगत 20 वर्षों से डिप्टी जेलर से जेलर पद पर पदोन्नति किस नियमों के अन्तर्गत की जा रही थी। जो वर्तमान में पालन करने योग्य नहीं है।

कारागार विभाग में लगभग 22 पद जेलर के रिक्त है जिन्हें पदोन्नित कर भरे जाने है। जिसके सापेक्ष लगभग 40 डिप्टी जेलर के नाम कारागार मुख्यालय द्वारा शासन को भेजे गये है। जिसमें मुख्यालय द्वारा शासन के निदेर्शों का पालन करते हुए नियमों को तोड़-मरोड़ कर उनके अनुसार नामों का चयनित किया गया है। इसके लिए 50 लाख रूपये उपहार स्वरूप भ्रष्ट अधिकारियों को दिये जाने की जानकारी मिली है।

सीनियर डिप्टी जेलरों की मांग है कि पूर्व की भांति कम से कम दो दंडों का माफ किया जाये और जिन लोगों को 24 वर्षों में एक भी प्रमोशन नहीं मिला उनकों भी कम से कम एक प्रमोशन अवश्य दिया जाये।

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