नयी दिल्ली, दिल्ली में महिलाओं के बीच शराब के सेवन को लेकर किये गए सर्वेक्षण में खुलासा हुआ है कि “ज्यादा महिलाएं शराब पी रही हैं और महिलाएं ज्यादा शराब पी रही हैं।”

सर्वे के अनुसार बढ़ती समृद्धि, आकांक्षाएं, सामाजिक दबाव और एक अलग जीवन शैली से जुड़ाव ने महिलाओं को शराब के सेवन की ओर आकर्षित किया है। ‘कम्यूनिटी अगेन्स्ट ड्रंकेन ड्राइविंग’ (सीएडीडी) ने 18 से 70 साल की 5 हजार महिलाओं के बीच यह सर्वे कराया है।

भारत में पहले ही शराब का सेवन करने वालों की संख्या दुनिया में सबसे ज्यादा है। ऐसे में भारत में शराब के प्रति प्रेम और बढ़ रहा है।

विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) के अध्ययन के अनुसार 2010 से 2017 के बीच भारत में शराब का सेवन 38 प्रतिशत बढ़ा है। 2005 में एक व्यस्क प्रतिवर्ष 2.4 लीटर शराब का सेवन करता था। 2016 में यह आंकड़ा एक व्यस्क प्रति वर्ष लगभग 5.7 लीटर हो गया।

सर्वे के अनुसार, “इस वृद्धि की वजह उन महिलाओं के बीच शराब की बढ़ती खपत है, जो अब से पहले स्पष्ट रूप से शराब से परहेज करने वाली मानी गई थीं।”

सर्वे का मकसद शराब की वर्तमान खपत, व्यय पैटर्न, पीने की आदत, स्थानों और अन्य कारकों का आकलन करने के लिये किया गया।

सर्वे के अनुसार, “ज्यादा महिलाएं शराब पी रही हैं और वे ज्यादा शराब पी रही हैं।”

इसमें भारत सरकार के शराब अध्ययन केंद्र के हवाले से कहा गया है कि परंपरागत रूप से दशकों तक शराब से दूर रहीं महिलाओं के बीच शराब का बाजार अगले पांच साल में 25 प्रतिशत तक बढ़ने की संभावना है।

सीएडीडी के मुताबिक यह वृद्धि शराब बाजार की ‘चमक दमक’ और फिल्मों और टीवी पर लगातार यह संदेश देने से भी हुई है कि शराब का सेवन महिलाओं को चिंतामुक्त बनाने और खुद को खुश रखने का बेहतरीन उपाय है।

सर्वे में एम्स की रिपोर्ट के हवाले से कहा गया है कि उदाहरण के तौर पर दिल्ली में 40 प्रतिशत पुरुष और 20 प्रतिशत महिलाएं (लगभग 15 लाख महिलाएं) शराब का सेवन करती हैं।

महिलाओं के शराब पीने के कारणों की बात करें तो सर्वे कहता है कि “अधितकर सभी सामाजिक गतिविधियां शराब के इर्द-गिर्द घूमती हैं और जब हर कोई एक जैसी चीज कर रहा हो तो यह एक समस्या की तरह प्रतीत नहीं होती। यह सिर्फ चलन है।”

सर्वे के अनुसार 18 से 30 वर्ष की 43.7 प्रतिशत महिलाएं आदतन शराब पीती हैं या शौकिया तौर पर इसका सेवन करती हैं। 31 से 45 वर्ष आयु वर्ग की 41.7 प्रतिशत महिलाओं ने व्यावसायिक आवश्यकता के कारण या सामाजिक मानदंडों के कारण शराब का सेवन किया।

इसमें कहा गया है कि 60 से ऊपर की 53 प्रतिशत महिलाओं और 46 से 60 वर्ष की 39.1 प्रतिशत महिलाएं भावनात्मक कारणों से शराब का सेवन करती हैं।

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