राजस्व महकमे के तहत तहसीलों और कलेक्टेट में 3,833 चतुर्थ श्रेणी कर्मियों की भर्ती की उच्चस्तरीय जांच होगी। भर्तियों में गड़बड़ियों की गंभीर शिकायतें मिलने के बाद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कृषि उत्पादन आयुक्त डॉ. प्रभात कुमार को पूरे मामले की जांच सौंपी है। इस बीच जिलों में ज्वाइनिंग पर भी तत्काल प्रभाव से रोक लगा दी गई है।

दरअसल, तहसीलों और कलेक्ट्रेट में बड़ी संख्या में चतुर्थ श्रेणी के रिक्त पदों से प्रभावित हो रहे कार्यो को देखते हुए राजस्व परिषद ने 3,833 पदों को आउटसोर्सिग के माध्यम से भरने के लिए उत्तर प्रदेश लघु उद्योग निगम लिमिटेड, कानपुर को कार्यदायी संस्था नामित किया। इस पर लघु उद्योग निगम ने अपने यहां सूचीबद्ध डेढ़ दर्जन से अधिक सेवा-प्रदाता संस्थाओं में से छह का चयन कर उनकी सूची राजस्व परिषद को उपलब्ध करा दी। इस पर उद्योग निगम, संस्थाओं और राजस्व परिषद के बीच अनुबंध होने के बाद परिषद के आयुक्त एवं सचिव ने 23 जनवरी को सभी जिलाधिकारियों को परिपत्र भी जारी कर दिया।

जिलों में ज्वाइनिंग की प्रक्रिया चल ही रही है कि पिछड़ा वर्ग कल्याण मंत्री ओम प्रकाश राजभर सहित विधायक धर्मेन्द्र शाक्य, चंद्रपाल कुशवाहा, हरेन्द्र प्रसाद सिंह, कैलाश सिंह राजपूत के अलावा कानपुर के चौधरी कुंवर सिंह ने मुख्यमंत्री सहित अपर प्रमुख सचिव राजस्व, लघु एवं मध्यम उद्योग आदि को पत्र लिखकर सेवा-प्रदाता संस्थाओं के चयन व भर्तियों में बड़े पैमाने पर गड़बड़ियों की शिकायत की है।

आरोपों की गंभीरता को देखते हुए मुख्यमंत्री ने पूरे मामले की जांच के लिए कृषि उत्पादन आयुक्त को नामित किया है। इस संबंध में अपर मुख्य सचिव राजस्व रेणुका कुमार ने आदेश जारी किया है। जांच के आदेश होते ही राजस्व परिषद पहुंचे पत्र में कहा गया है कि अभी जिन जिलों में चयनित कर्मियों की सेवाएं नहीं ली गई हैं, उनमें तत्काल इसे रोकते हुए यथास्थिति बनाए रखी जाए।

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