बरेली (उत्तरप्रदेश), समाजवादी पार्टी (सपा) के वरिष्ठत नेता पूर्व राज्यसभा सांसद वीरपाल सिंह यादव ने आज पार्टी छोड़ दी। यादव ने यहां प्रेस कांफ्रेंस कर सपा छोड़ने का एलान किया। साथ ही उनके कई समर्थकों ने भी पार्टी से इस्तीफा दे दिया। उन्होंने कहा कि सपा संस्थापक मुलायम सिंह यादव ने जिन सिद्धांतों को लेकर पार्टी बनाई थी, वह अब उनसे भटक गई है।

उन्होंने कहा कि हम लोग साम्प्रदायिक शक्तियों और सरकार की गलत नीतियों का विरोध करते थे। इसके लिए हम लोग जेल तक जाने से नहीं डरते थे। खासकर अल्पसंख्यक और कमजोर तबके के लोगों के साथ हर हाल में खड़े होते थे, लेकिन पिछले करीब 20 महीने से सपा, भाजपा की षड्यंत्रकारी नीतियों का विरोध नहीं कर सकी।

यादव ने आरोप लगाया कि बरेली में भाजपा के लोगों ने कांवड़ियों का रूप धरकर एक वर्ग के लोगों को ही नहीं बल्कि आम लोगों के साथ भी बदसलूकी की। खेलम और उमरिया में जमकर उत्पात किया लेकिन सपा का कोई नेता पीड़ित लोगों से मिलने तक नहीं गया। उन्होंने कहा कि जब उन्हें साम्प्रदायिक शक्तियों के खिलाफ लड़ाई में पार्टी का ही सहयोग नहीं मिलेगा तो वह पार्टी में रहकर क्या करेंगे।

मालूम हो कि वीरपाल यादव की गिनती सपा संस्थापक मुलायम सिंह यादव के बेहद करीबी नेताओं में होती थी और वह पार्टी के गठन के समय से ही सपा से जुड़े हुए थे। यादव 21 साल तक सपा की बरेली इकाई के अध्यक्ष भी रहे।

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