नयी दिल्ली, वित्त मंत्री अरुण जेटली ने मंगलवार को कहा कि बकाया ऋण की वसूली गति पकड़ चुकी है बैंकिंग प्रणाली में अवरुद्ध रिणों (एनपीए) में कमी आ रही है।

राजधानी में सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों के शीर्ष अधिकारियों के साथ वार्षिक समीक्षा बैठक के बाद संवाददाताओं से बातें करते हुए जेटली ने कहा कि पिछले कुछ साल सार्वजनिक बैंकों के लिए बेहद चुनौतीपूर्ण रहे हैं क्योंकि ऋण का एक बड़ा हिस्सा फंस कर एनपीए बन गया था।

लेकिन दिवाला एवं ऋणशोधन संहिता (आईबीसी) के अमल में आने से वसूली की गति तेज हुई है। दिवाला संहिता में कर्ज से खड़ी सम्पत्ति नीलाम करने का प्रावधान है।

जेटली ने कहा कि वसूली बेहतर हुई है, बैंकों की ऋण देने की क्षमता सुधरी है और इन सबसे ऊपर ऋण कारोबार की वृद्धि दर में भी अच्छा सुधार हुआ है।

उन्होंने कहा, ‘‘जहां तक अर्थव्यवस्था का सवाल है, हम अच्छी वृद्धि के दौर से गुजर रहे हैं। उपभोग बढ़ा है और इस कारण बैंकिंग गतिविधियां तेज होना लाजिमी है।’’

वित्तीय सेवा सचिव राजीव कुमार ने कहा कि चालू वित्त वर्ष में दिवाला संहिता प्रक्रिया और अन्य रास्तों से वसूली के जरिए बैंकों को 1.8 लाख करोड़ रुपये मिलने का अनुमान है। उन्होंने कहा कि अब एनपीए को नियंत्रण में रखने पर ध्यान दिया जाएगा।

उन्होंने यह भी कहा कि चालू वित्त वर्ष में सार्वजनिक बैंक अपनी गैर जरूरी सम्पत्तियों को की बिक्री से और 18 हजार करोड़ रुपये जुटा सकते हैं।

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