नयी दिल्ली, उच्चतम न्यायालय ने सरकारी विभागों और मंत्रालयों के लिये कर्मचारियों के चयन हेतु 2017 में आयोजित परीक्षाओं के परिणाम की घोषणा पर आज रोक लगाते हुये कहा कि पहली नजर में ऐसा लगता है कि परीक्षा की समूची प्रणाली ही दूषित है।

न्यायमूर्ति एस ए बोबडे और न्यायमूर्ति एल नागेश्वर राव की पीठ ने परीक्षाओं के नतीजों की घोषणा पर रोक लगाते हुये कहा कि वह कर्मचारी चयन आयोग (एसएससी) की संयुक्त स्नातक स्तर और सीनियर सेकेण्डरी स्तर की 2017 की परीक्षा घोटाले का लाभ लेकर लोगों को सरकारी नौकरी में प्रवेश की अनुमति नहीं दे सकती। इस परीक्षा में लाखों अभ्यर्थियों ने हिस्सा लिया था।

पीठ ने कहा, ‘‘केन्द्रीय जांच ब्यूरो की 25 जुलाई और 30 अगस्त, 2018 की स्थिति रिपोर्ट के अवलोकन से हमने पाया कि इसमें यह मानने के लिये रिकार्ड पर पर्याप्त सामग्री है कि सीजीएल परीक्षा 2017 और सीएचएसएल परीक्षा 2017 दूषित थी। अत: अगले आदेश तक कर्मचारी चयन आयोग को इन परीक्षाओं के परिणाम घोषित करने से रोका जाता है।’’

न्यायालय ने जांच ब्यूरो की ओर से पेश अतिरिक्त सालिसीटर जनरल विक्रमजीत बनर्जी द्वारा एसएससी अधिकारियों और परीक्षा कराने के लिये जिम्मेदार निजी वेन्डर सिफी पर आक्षेप लगाने संबंधी जांच ब्यूरो की प्रगति रिपोर्ट से अलग रूख अपनाने के लिये उन्हें आड़े हाथ लिया।

पीठ ने बनर्जी से कहा, ‘‘ मिस्टर सालिसीटर, आपको सरकार के बाहर आ जाना चाहिए। आज आप जांच ब्यूरो की ओर से पेश हो रहे हैं। आप आरोपियों का बचाव करने के लिये उस स्थिति रिपोर्ट से अलग रूख कैसे अपना सकते हैं जो आपने दाखिल की है। स्थिति रिपोर्ट के अनुसार तो आपको तो कहना चाहिए था कि परीक्षा रद्द की जानी चाहिए।’’

अतिरिक्त सालिसीटर जनरल ने न्यायालय से अनुरोध किया कि जांच ब्यूरो की स्थिति रिपोर्ट याचिकाकर्ता के वकील प्रशांत भूषण को नहेीं दी जाये क्योंकि इसमें कुछ संवेदनशील बयान भी हैं। पीठ ने बनर्जी के इस तर्क से असहमति व्यक्त करते हुये कहा कि रिपोर्ट में ऐसा कुछ भी नहीं है जिसे गोपनीय या संवेदनशील कहा जा सके।

याचिकाकर्ता शांतनु कुमार की ओर से वकील प्रशांत भूषण और गोविन्द जी ने कहा कि इससे कोई फर्क नहेीं पड़ता कि जांच ब्यूरो उन्हें स्थिति रिपोर्ट देता है या नहीं क्योंकि इसकी स्थिति रिपोर्ट में ही सिफी टेक्नालाजीज प्रा लि के संत प्रसाद गुप्ता पर आरोप लगाये हैं। संत प्रसाद गुप्ता ही प्रश्न पत्रों का संरक्षक था और जांच एजेन्सी उसकी जांच कर रही है।

उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश का विशेष कार्य बल भी 2017 में उच्च माध्यमिक स्तर की परीक्षा में प्रश्न पत्र कथित रूप से लीक होने के मामले की जांच कर रहा है और उसने प्राथमिकी में इसी तरह के आरोप लगाये हैं। भूषण ने परीक्षा के नतीजे की घोषणा पर रोक लगाने का अनुरोध करते हुये कहा कि यह एक दो दिन में ही घोषित होने वाला है। सरकार में ‘सी’ और ‘डी’ वर्ग की नौकरियों के लिये होने वाली इस परीक्षा में लाखों अभ्यर्थियों ने हिस्सा लिया था।

इससे पहले, शीर्ष अदालत ने 20 मार्च को एसएससी परीक्षा का पर्चा लीक होने के मामले की सीबीआई जांच के लिये दायर जनहित याचिका उस समय खारिज कर दी थी जब केन्द्र ने उसे सूचित किया था कि जांच एजेन्सी इसकी जांच शुरू कर चुकी है।

About The Author

Leave a Reply

%d bloggers like this: