नयी दिल्ली/श्रीनगर, सेना की कोर्ट ऑफ इन्क्वायरी में मेजर लीतुल गोगोई को श्रीनगर के एक होटल में एक स्थानीय महिला से ‘‘मिलने’’ और कार्य स्थल से दूर रहने का दोषी पाया गया है जिससे उनके खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई का रास्ता साफ हो गया है। सेना के सूत्रों ने आज यह जानकारी दी।

पुलिस ने मई में एक विवाद के बाद गोगोई को हिरासत में लिया था। उस समय वह 18 वर्षीय महिला के साथ श्रीनगर के एक होटल में कथित तौर पर घुसने की कोशिश कर रहे थे। सूत्रों ने कहा कि पिछले साल कश्मीर में अपनी गाड़ी के बोनट से एक नागरिक को बांधने के फैसले के बाद मानव ढाल विवाद के केंद्र में आए अधिकारी को उनके खिलाफ शुरू कोर्ट मार्शल की प्रक्रिया में साक्ष्यों का सामना करना पड़ेगा।

सूत्रों ने बताया कि अदालत ने उन्हें निर्देशों के विपरीत स्थानीय महिला से ‘‘मेलजोल’’ रखने और एक अभियान वाले इलाके में अपने कार्य स्थल से दूर रहने का जिम्मेदार ठहराया। सूत्रों ने बताया कि सीओआई ने इस महीने की शुरुआत में संबंधित प्राधिकरण को अपनी जांच रिपोर्ट सौंपी जिसके बाद आगे की कार्रवाई शुरू की गई।

सेना ने 23 मई की घटना के बाद सीओआई के आदेश दिए थे। सेना प्रमुख जनरल बिपिन रावत ने पहलगाम में कहा था कि अगर गोगोई को ‘‘किसी भी अपराध’’ में दोषी पाया जाता है तो कठोर सजा दी जाएगी। गोगोई पिछले साल उस समय सुर्खियों में आए थे जब उन्होंने नौ अप्रैल को श्रीनगर लोकसभा उपचुनाव में मतदान के दौरान पथराव करने वाले लोगों के खिलाफ ढाल के तौर पर कश्मीर में जीप से एक व्यक्ति को बांधा था।

रावत ने तब युवा अधिकारी के कदम का समर्थन किया था और उन्हें आतंकवाद रोधी अभियानों में उनके ‘‘निरंतर प्रयासों’’ के लिए सेना प्रमुख के ‘‘प्रशस्ति पत्र’’ से सम्मानित किया था।

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