वाशिंगटन, अमेरिका और चीन के वार्ताकारों के बीच व्यापार मुद्दों को लेकर दो दिन चली बातचीत बिना किसी ठोस परिणाम के समाप्त हो गई। अमेरिका और चीन के बीच व्यापार में तनाव के चलते दुनियाभर के वित्तीय बाजारों पर असर पड़ा है और वैश्विक व्यापार प्रभावित हुआ है।

व्हाइट हाउस की प्रवक्ता लिंडसे वाल्टर्स ने एक वक्तव्य जारी कर कहा कि दोनों प्रतिनिधिमंडलों के बीच आर्थिक रिश्तों में निष्पक्षता, संतुलन और पारस्परिकता को लेकर विचारों का आदान प्रदान हुआ। उन्होंने आगे बातचीत के बारे में कुछ नहीं कहा।

चीन के वाणिज्य मंत्रालय ने वक्तव्य में कहा कि बातचीत रचनात्मक और खुले माहौल में हुई। हालांकि, उन्होंने बातचीत का कोई ब्यौरा नहीं दिया। इसमें कहा गया कि दोनों पक्ष संपर्क बनाये रखेंगे।

चीन की उच्च- प्रौद्योगिकी औद्योगिक नीति को लेकर विवाद कल उस समय और बढ़ गया जब ट्रंप प्रशासन और बीजिंग दोनों ने एक दूसरे के 16 अरब डालर के और सामान पर आयात शुल्क लगा दिया।

ट्रंप प्रशासन ने पिछले महीने ही 34 अरब डालर के चीनी उत्पादों पर आयात शुल्क लगाया है। बीजिंग ने भी उसके जवाब में अमेरिकी आयात पर शुल्क लगा दिया।

ट्रंप प्रशासन, चीन के 200 अरब डालर के उत्पादों पर शुल्क लगाने की तैयारी कर रहा है जबकि दूसरी तरफ चीन भी 60 अरब डालर के अमेरिकी सामान पर जवाबी शुल्क की तैयारी में है।

ट्रंप प्रशासन का आरोप है कि चीन उसकी प्रौद्योगिकी को हासिल करने के लिये गलत तरीके अपनाता है। चीन के बाजार में प्रवेश देने के नाम पर वह अमेरिकी कंपनियों से उनकी गोपनीय जानकारी और प्रौद्योगिकी की मांग करता है।

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