लखनऊ, उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव के विक्रमादित्य मार्ग पर हैरिटेज होटल बनाने के सपने को उच्च न्यायालय से झटका लगा है। इलाहाबाद उच्च न्यायालय की लखनऊ पीठ ने सपा, जनेश्वर मिश्र ट्रस्ट और यादव परिवार के स्वामित्व वाले तीन भूखंडों पर आगे और कोई निर्माण कार्य कराने पर स्थगनादेश दे दिया है। अदालत ने अधिकारियों को निर्देश दिया है कि वे इन भूखंडों पर हुए अवैध निर्माण की रिपोर्ट पांच सितंबर को पेश करें।

नोटिस सपा, उसके मुखिया अखिलेश यादव, डिंपल यादव, मुलायम सिंह यादव, जनेश्वर मिश्र ट्रस्ट को दिये गये हैं और पांच सितंबर तक जवाब मांगा गया है। जिन संपत्तियों को लेकर सवाल खडे हुए हैं, उनमें 19—ए विक्रमादित्य मार्ग, खसरा नंबर 9—डी, मोहल्ला रमना दिलकुशा, नजूल भूमि खसरा संख्या 8—सी, मोहल्ला रमना, दिलकुशा और बंदरियाबाग में मकान नंबर सात टाइप छह शामिल हैं।न्यायमूर्ति विक्रम नाथ और न्यायमूर्ति अब्दुल मोइन की पीठ ने अधिवक्ता शिशिर चतुर्वेदी की जनहित याचिका पर उक्त आदेश दिया।

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