चेन्नई, भारत के आर प्रागनानंदा देश के सबसे युवा और विश्व के दूसरे सबसे युवा ग्रैंडमास्टर बन गये हैं। प्रागनानंदा अभी 12 साल, दस महीने और 13 दिन के हैं और उन्होंने इटली में ग्रेनडाइन ओपन के अंतिम दौर में पहुंचकर यह उपलब्धि हासिल की।

चेन्नई के इस खिलाड़ी को अंतिम दौर की बाजी ग्रैंडमास्टर प्रूसजर्स रोलैंड से खेलनी है जिससे उनका ग्रैंडमास्टर बनना तय हो गया। आठवें दौर में ग्रैंडमास्टर मोरोनी लिका जूनियर को हराने के बाद प्रागनानंदा को अपना तीसरा ग्रैंडमास्टर नार्म हासिल करने के लिये 2482 रेटिंग से अधिक की रेटिंग रखने वाले खिलाड़ी के खिलाफ खेलने की जरूरत थी। उक्रेन के सर्गेई कार्जाकिन अब भी सबसे युवा ग्रैंडमास्टर हैं।

उन्होंने 2002 में 12 साल, सात महीने में यह उपलब्धि हासिल की थी। प्रागनानंदा 2016 में दस वर्ष, दस महीने और 19 दिन की आयु में सबसे कम उम्र में अंतरराष्ट्रीय मास्टर बने थे। पांच बार के विश्व चैंपियन और देश के पहले ग्रैंडमास्टर विश्वनाथन आनंद ने प्रागनानंदा को इस उपलब्धि पर बधाई दी।

आनंद ने ट्वीट किया, ‘‘क्लब में स्वागत है और बधाई प्रागनानंदा। जल्द ही चेन्नई में मुलाकात होगी।’’ इस बीच प्रागनानंदा के कोच आर बी रमेश ने इस उपलब्धि को शानदार करार दिया। उन्होंने कहा, ‘‘निश्चित तौर पर शानदार उपलब्धि। मुझे गर्व है कि मेरा एक शिष्य यह उपलब्धि हासिल करने में सफल रहा। ’’ प्रागनानंदा के पिता ए रमेश बाबू ने कहा कि वह अपने बेटे की उपलब्धि से उत्साहित हैं। उन्होंने कहा, ‘‘मैं बहुत खुश हूं। उसने कड़ी मेहनत की थी। मेरी पत्नी को श्रेय जाता है जो उसके साथ गयी हुई है। उसके कोच (रमेश) को भी श्रेय जाता है।’’

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