तालिबान ने पाकिस्तान पर हवाई हमले का लगाया आरोप

नई दिल्ली। पाकिस्तान और अफगानिस्तान के बीच पिछले कुछ दिनों से जारी सीमा संघर्ष के बीच आज दोहा (कतर) में दोनों देशों की एक अहम बैठक होनी है। बैठक का उद्देश्य क्षेत्र में बढ़ते तनाव को कम करना और शांति बहाल करना है। लेकिन वार्ता से ठीक पहले ही अफगानिस्तान की तालिबान सरकार ने पाकिस्तान पर हवाई हमले करने का गंभीर आरोप लगाया है, जिससे माहौल और गर्म हो गया है।
तालिबान का आरोप: “हम जवाब देने का अधिकार रखते हैं”
तालिबान सरकार के प्रवक्ता जबीहुल्लाह मुजाहिद ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर पोस्ट कर कहा कि पाकिस्तान की ओर से हाल के दिनों में बार-बार हवाई हमले किए जा रहे हैं, जिनमें निर्दोष नागरिक मारे जा रहे हैं। उन्होंने चेतावनी दी कि “अफगानिस्तान अपने ऊपर हुए हमलों का जवाब देने का अधिकार रखता है।”
मुजाहिद ने बताया कि जैसा पहले तय हुआ था, आज दोहा में पाकिस्तान के साथ वार्ता होनी है, लेकिन इन हमलों से “संवाद का माहौल प्रभावित हुआ है।”
पक्तिका में हवाई हमले, नागरिकों की मौत
अफगान मीडिया तोलो न्यूज के अनुसार, पाकिस्तान ने अफगानिस्तान के दक्षिण-पूर्वी पक्तिका प्रांत के आर्गुन और बर्मल जिलों में हवाई हमले किए।
इन हमलों में कम से कम 6 लोगों की मौत हुई है, जिनमें 2 बच्चे शामिल हैं, जबकि 7 लोग घायल हुए हैं—जिनमें 6 महिलाएं और एक बच्चा भी हैं।
स्थानीय प्रशासन का कहना है कि ये हमले नागरिक इलाकों पर हुए हैं और इससे बड़ी संख्या में लोग विस्थापित हुए हैं।
20 हजार परिवारों का पलायन
अफगानिस्तान के कंधार क्षेत्र के अधिकारियों ने बताया कि सीमा के पास स्थित स्पिन बोल्दक इलाके से करीब 20 हजार परिवारों को अपने घर छोड़ने पड़े हैं।
पाकिस्तानी बमबारी के डर से लोग रेगिस्तानी और अस्थायी इलाकों में शरण ले रहे हैं।
दोहा में वार्ता, पर भरोसे का संकट
दूसरी ओर, पाकिस्तान का उच्च-स्तरीय प्रतिनिधिमंडल दोहा पहुँच चुका है, जिसमें रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ और खुफिया प्रमुख असीम मलिक शामिल हैं।
वार्ता का मकसद सीमा पर जारी झड़पों को रोकना और सैन्य तनाव को कम करना है। लेकिन तालिबान के आरोपों ने बैठक से पहले ही दोनों देशों के बीच भरोसे का संकट गहरा दिया है।
विश्लेषण: पुराना तनाव, नई सूरत
विशेषज्ञ मानते हैं कि अफगानिस्तान और पाकिस्तान के बीच तनाव नया नहीं है। डूरंड लाइन को लेकर दोनों के बीच लंबे समय से सीमा विवाद चला आ रहा है।
तालिबान की सरकार बनने के बाद से पाकिस्तान पर यह आरोप बढ़े हैं कि वह अफगान सीमा के भीतर सैन्य हमले कर आतंकवाद विरोधी कार्रवाई के नाम पर संप्रभुता का उल्लंघन कर रहा है।
दोहा वार्ता को लेकर उम्मीद थी कि दोनों देश साझा सुरक्षा ढांचे पर सहमत होंगे, लेकिन अब यह बैठक एक कठिन मोड़ पर खड़ी दिख रही है।