पनीर, खोया या मिठाई लगे खराब तो इन नंबरों पर करें शिकायत

अगर बाजार से खरीदी गई मिठाई का स्वाद अजीब लगे, पनीर से गंध आए या खोया देखने में ही सही ना लगे तो अब चुप न रहें. योगी सरकार ने तय किया है कि मिलावट करने वालों को बख्शा नहीं जाएगा और जनता की शिकायत पर तुरंत कार्रवाई होगी. बस एक फोन या व्हाट्सएप संदेश से मिलावटखोरों तक सरकार का शिकंजा पहुंच जाएगा. लोगों के स्वास्थ्य से खिलवाड़ करने वाले ऐसे मिलावटखोरों पर योगी सरकार ने शिकंजा कस दिया है.
यहां करें शिकायत
मिलावटखोरों पर नकेल कसने के लिए सरकार ने जनता को भी इस अभियान में जोड़ने का फैसला लिया है. यदि किसी को कहीं भी मिलावटी, नकली या या स्वास्थ्य के लिए हानिकारक खाद्य पदार्थों का निर्माण या बिक्री होते दिखाई दे, तो वह तुरंत इसकी शिकायत कर सकता है. इसके लिए सरकार ने टोल फ्री हेल्पलाइन और व्हाट्सएप नंबर जारी किए हैं :
– टोल फ्री नंबर: 1800-180-5533
– व्हाट्सएप (खाद्य पदार्थों से जुड़ी शिकायत): 9793429747
– व्हाट्सएप (दवाओं से जुड़ी शिकायत): 8756128434
अधिकारियों का कहना है कि इन नंबरों पर शिकायत करने वालों की पहचान पूरी तरह गोपनीय रखी जाएगी और दोषियों पर कठोर कार्रवाई की जाएगी. सरकार का उद्देश्य है कि कोई भी नागरिक त्योहारों के आनंद में स्वास्थ्य संबंधी खतरे का सामना न करे. दीपावली विशेष अभियान में अलग-अलग विभाग की टीमों ने पूरे उत्तर प्रदेश में 4621 निरीक्षण किए, 2085 छापे मारे और 2853 नमूनों की जांच की. इनमें से भारी मात्रा में मिलावटी और अस्वास्थ्यकर सामग्री पकड़ी गई. 2993 क्विंटल खाद्य पदार्थ जब्त किए गए जिनकी कीमत करीब ₹3.88 करोड़ आंकी गई है. इनमें से 1155 क्विंटल सामग्री, जो मानव उपभोग के योग्य नहीं थी, मौके पर ही नष्ट कर दी गई जिसकी कीमत लगभग ₹1.75 करोड़ थी. इतना ही नहीं, उन्नाव, मथुरा और लखनऊ जिलों में तीन एफआईआर भी दर्ज की गई हैं.
खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन की सचिव डॉ. रोशन जैकब ने बताया कि सरकार की प्राथमिकता जनता की सुरक्षा है. उनके अनुसार, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने स्पष्ट निर्देश दिए हैं कि त्योहारों के दौरान मिलावटखोरी करने वालों पर सख्त से सख्त कार्रवाई की जाए. प्रदेश में कहीं भी स्वास्थ्य के साथ खिलवाड़ बर्दाश्त नहीं किया जाएगा. उन्होंने बताया कि विभाग की टीमें मैदान में सक्रिय हैं और शीघ्र नष्ट होने वाली वस्तुओं को मौके पर ही जब्त कर नष्ट किया जा रहा है ताकि उपभोक्ताओं की सुरक्षा सुनिश्चित हो सके. इस बार का अभियान पहले से अधिक व्यापक और प्रभावशाली है, जिसमें केवल बड़े शहर ही नहीं, बल्कि छोटे कस्बे और ग्रामीण इलाके भी शामिल हैं.