केजीएमयू में नौकरी के नाम पर ठगी करने वाले गिरोह को एसटीएफ ने पकड़ा
गिरोह का सरगना अरविंद निकला ‘अवनि परिधि’ का कर्मचारी
लखनऊ: किंग जार्ज चिकित्सा विश्वविद्यालय (केजीएमयू) में मरीजों और तीमारदारों की भीड़ में ठगों का एक गिरोह भी सक्रिय है। इस गिरोह ने नर्स से लेकर कंप्यूटर ऑपरेटर के पदों के लिए बेरोजगारों से लाखों रुपये ऐंठ लिए। यही नहीं, गिरोह ने बड़े ही शातिराना अंदाज में उनको बाकायदा नियुक्ति पत्र भी जारी कर दिए।
नियुक्ति पत्र लेकर पीडि़त केजीएमयू पहुंचे तब उन्हें पता चला कि उनके साथ जालसाजी हुई है। स्पेशल टास्क फोर्स (एसटीएफ) ने इस मामले में केजीएमयू में संविदा पर तैनात कंप्यूटर ऑपरेटर समेत सात लोगों को गिरफ्तार किया है। सभी आरोपित केजीएमयू की न्यू ओपीडी भूमिगत पार्किंग के पास से दबोचे गए।
एसटीएफ के एसएसपी अभिषेक सिंह ने बताया कि गिरफ्तार कंप्यूटर ऑपरेटर अरविंद कुमार सिंह ही इस गिरोह को चला रहा था। पूछताछ में उसने बताया कि एक अभ्यर्थी से दो लाख रुपये तक में सौदा तय किया जाता था। पकड़े गए आरोपितों के खिलाफ चौक कोतवाली में धोखाधड़ी का मुकदमा दर्ज कराया गया है। उनके कब्जे से छह फर्जी नियुक्ति पत्र बरामद हुए हैं।
अरविंद बनाता था फर्जी नियुक्ति पत्र
आरोपित कंप्यूटर ऑपरेटर अरविंद जाली नियुक्ति पत्र बनाता था। उसके अन्य साथी लोगों को अपने जाल में फंसाने व उनसे डील करते थे। आशंका है कि वह इस जालसाजी के लिए संस्थान के कंप्यूटर व प्रपत्रों का इस्तेमाल करता था। इसकी भी छानबीन की जा रही है। ठगी के पांच मामले आए सामने एसटीएफ के एएसपी डॉ. त्रिवेणी सिंह के अनुसार अब तक पांच युवकों को कंप्यूटर आपरेटर की नौकरी दिलाने का झांसा देकर ठगी की बात सामने आई है। आरोपितों के बैंक खातों की भी छानबीन की जा रही है।
ये हुए गिरफ्तार
एसटीएफ ने कुशीनगर निवासी साजिद अंसारी, लखनऊ के गोसाईंगंज निवासी रजनीकांत रावत, अलीगंज निवासी राघवेंद्र सिंह, अमरावती कालोनी इंदिरानगर निवासी मोहित शर्मा, गोमतीनगर के विनयखंड निवासी बृजेश अवस्थी, शक्तिनगर इंदिरानगर निवासी अनुराग पांडेय व देवरिया निवासी सरगना अरविंद सिंह को गिरफ्तार किया है। अरविंद यहां मीरो बीबी स्टे हाउस, क्वीन मेरी हास्पिटल में रहता था।
अवनि परिधि को ब्लैक लिस्ट करने के लिए केजीएमयू कुलपति से सिफारिश
यूपी एसटीएफ के खुलासे के बाद आखिरकार केजीएमयू प्रशासन जागा है। चीफ प्रॉक्टर ने मैनपावर सप्लाई करने वाली अवनि परिधि एनर्जी एंड कम्यूनिकेशन प्राइवेट लिमिटेड एजेंसी को ब्लैक लिस्ट करने के लिए केजीएमयू कुलपति को सिफारिश की है। केजीएमयू प्रशासन कंपनी को ब्लैक लिस्ट करने पर विचार कर रहा है। अहम बात बताते चलें कि इस कंपनी को यूपीएसआईसी विभाग द्वारा पूर्व में ब्लैक लिस्ट किया जा चुका है। .
देर रात तक अवनि परिधि को ब्लैक लिस्ट करने का नहीं लिया निर्णय
चीफ प्रॉक्टर प्रो. आरएएस कुशवाहा ने शनिवार को कुलसचिव केजीएमयू को पत्र भेजा है। इसमें उन्होंने कहा है कि अवनि परिधि एजेंसी के जरिए अरविंद कुमार सिंह को नवीन ओपीडी में कंप्यूटर ए के पद पर कार्यरत किया गया, जो कि रुपए लेकर फर्जी नियुक्ति पत्र जारी किए जाने के आरोप यूपी एसटीएफ द्वारा गिरफ्तार किया गया है। उसके अन्य साथी व फर्जी नियुक्ति पत्र आदि बरामद हुआ है। केजीएमयू कुलपति ने चीफ प्रॉक्टर की सिफारिश पर एजेंसी को ब्लैक लिस्ट करने पर कोई निर्णय नहीं लिया था।
अवनि परिधि यूपीएसआईसी में है ब्लैक लिस्ट
अवनि परिधि एनर्जी एंड कम्यूनिकेशन प्राइवेट लिमिटेड एजेंसी ने यूपीएसआईसी के लोगो का फर्जी तरीके से इस्तेमाल किया था। इस एजेंसी को उत्तर प्रदेश लघु उद्योग निगम (यूपीएसआईसी) के एमडी हीरालाल ने ब्लैक लिस्ट किया है। एमडी का आरोप था कि कंपनी यूपीएसआईसी में रजिस्टर्ड थी, जिसका 31 अक्तूबर, 2017 को अनुबंध खत्म हो गया था। पंजीकरण वैधता खत्म होने के बाद भी एजेंसी की ओर से यूपीएसआईसी का लोगो छपा पत्र विभिन्न विभागों में जारी किया गया। यह पत्र प्रदेश के सभी जिला अस्पताल के निदेशक, प्रमुख चिकित्सा अधीक्षकों व सीएमओ को जारी किया गया था।

