अध्यक्ष पद के चुनाव से पहले कांग्रेस को बड़ा झटका लगा है। वरिष्ठ नेता गुलाम नबी आजाद ने पार्टी को अलविदा कह दिया है। हाल ही में उन्होंने जम्मू-कश्मीर में पार्टी के अहम पद से भी इस्तीफा दिया था। खास बात है कि 2020 में ही उन्होंने पार्टी की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी को पत्र लिखा था, जिसमें संगठन स्तर पर बड़े बदलाव की मांग की गई थी। उस दौरान कांग्रेस की भीतर ही G-23 समूह चर्चा में आया था, जिसमें आनंद शर्मा, मनीष तिवारी समेत कई नेता शामिल थे।

शुक्रवार को आजाद ने कांग्रेस के सभी पदों से इस्तीफा दे दिया है। उन्होंने इस संबंध में सोनिया को पांच पन्नों का लैटर भी भेजा है। खास बात है कि उन्होंने पत्र में पार्टी के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष सोनिया गांधी के नेतृत्व पर बड़े सवाल उठाए हैं। इस दौरान उन्होंने खासतौर पर ‘जनवरी 2013’ का जिक्र किया है। कांग्रेस के शीर्ष नेताओं के खिलाफ प्रवर्तन निदेशालय की कार्रवाई के दौरान वह प्रेस कॉन्फ्रेंस में नजर आए थे।

हाल ही में उन्होंने कैंपेन कमेटी के चेयरमैन और जम्मू-कश्मीर कांग्रेस के राजनीतिक मामलों की समिति से इस्तीफा दे दिया था। खास बात है कि G-23 समूह के सदस्य आजाद ने पार्टी से लंबे समय से नाराज चल रहे थे। उन्हें राज्यसभा चुनाव के दौरान भी पार्टी ने नजरअंदाज कर दिया था। बहरहाल, वरिष्ठ नेता की तरफ से उठाए गए इस कदम ने राजनीतिक जानकारों के हैरानी में डाल दिया है।

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