मेरठ, यूपी के अवैध धर्मांतरण मामले में मौलाना कलीम सिद्दीकी को गिरफ्तार किया गया है। यह गिरफ्तारी यूपीएटीएस ने मेरठ से की है। मौलाना को मेरठ से लखनऊ लाया जा रहा है। यहां उनसे पूछताछ होगी। उनके साथ ही उनके सहयोगी तीन और मौलानाओं और ड्राइवर को भी पूछताछ के लिए हिरासत में लिया गया है।
बताया जा रहा है कि मौलाना कलीम अवैध धर्मांतरण केस में गिरफ्तार किए गए उमर गौतम का करीबी है। कहा जा रहा है कि उमर से पूछताछ के बाद मिले सुराग के आधार पर एटीएस ने यह कार्रवाई की है।
मौलाना कलीम ग्लोबल पीस सेंटर के अध्यक्ष हैं। इसके अलावा वह जमीयत-ए-वलीउल्लाह के अध्यक्ष भी हैं। मौलाना कई मदरसों की प्रभारी हैं और शिक्षा के क्षेत्र में काम करने की वजह से उनकी अच्छी पहचान है। उनकी गिनती देश के बड़े मौलानाओं में होती है।
कलीम सिद्दकी मुजफ्फरनगर के फूलत गांव के रहने वाले हैं। वह इस्लामिक स्कॉलर हैं। एटीएस सूत्रों की मानें तो अवैध धर्मांतरण के लिए विदेशों से 3 करोड़ की फंडिंग हुई थी। अकेले बहरीन से डेढ़ करोड़ रुपए एक साथ भेजे गए थे। मौलाना ने पीएमटी परीक्षा पास करने के बाद भी मेडिकल में प्रवेश नहीं लिया था। वह लखनऊ के दारुल उलूम नदवातुल उलमा में पढ़ाई करने आ गए थे। यहां से पढ़ाई के बाद वह मौलाना बन गए।
वह मुजफ्फरनगर से मेरठ के लिसाड़ीगेट के हुमांयूनगर में स्थित एक मस्जिद के इमाम शारिक के यहां आयोजित एक कार्यक्रम में शामिल होने गए थे। रात लगभग नौ बजे नमाज अदा करने के बाद मौलाना वापस मुजफ्फरनगर लौट रहे थे, इसी दौरान उन्हें गिरफ्तार किया गया।