लखनऊ, उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर प्रदेश में भूमाफियाओं का खाका तैयार किया जा रहा है। इसी के चलते आवास विकास परिषद ने 33 डिफॉल्टर बिल्डरों की सूची जारी की है। साथ ही ऐसे बिल्डरों से फ्लैट या प्लाट न खरीदने की अपील भी की है। वृन्दावन योजना के तहत 33 बिल्डर डिफॉल्टर सूची में शामिल हैं, जो कि परिषद का 360.55 करोड़ रुपये दबाए बैठे हैं।
डिफाल्टर बिल्डरों की सूची में बसेरा सिटी डेवलपर्स प्राइवेट लिमिटेड, डीजे बिल्डर्स एंड डेवलपर्स लिमिटेड, अंबा हाउसिंग इंडस्ट्रीज प्राइवेट लिमिटेड, रूद्र रियल एस्टेट लिमिटेड, संजय बिल्डर्स एंड कंस्ट्रक्शन इंफ्राटेक प्राइवेट लिमिटेड, श्री हरी रीयलटेक प्राइवेट लिमिटेड, सूरत इंफ्राटेक, शिवांश इंफ्रास्ट्रक्चर, राधे कृष्ण टेक्नोबिल्ड का नाम शामिल हैं। इनके अलावा इस लिस्ट में शिव शंकर अग्रवाल डायरेक्टर मंगलम बिल्डर्स एंड प्रमोटर्स अजय गाइड प्राइवेट लिमिटेड, हरविंदर सिंह नरूला रूद्र रियल एस्टेट लिमिटेड, डायमंड मोटर्स मधु अग्रवाल विद्यासागर मीना सिंह अखिल इंपैक्स लिमिटेड, सत्येंद्र कुमार गौतम सपना चौधरी पीएसीएल इंडिया लिमिटेड, कैलाश यादव अंगराज सिविल प्रोजेक्ट्स प्राइवेट लिमिटेड, हाउसिंग इंडस्ट्रीज प्राइवेट लिमिटेड, पंकज कुमार अग्रवाल प्रतिष्ठा इंफ्रावेंचर प्राइवेट लिमिटेड, राधेश्याम प्रकाश विकास वर्मा और सरिता बिल्डर भी शामिल हैं।
आवास विकास के दस्तावेज के मुताबिक, सूची में शामिल इन बिल्डरों को तीन से चार बार नोटिस भेजा गया, लेकिन भुगतान नहीं हुआ। कई बिल्डर तो ऐसे हैं, जिन्होंने शुरुआती तीन किश्तों के बाद कोई भुगतान नहीं किया है। प्रदेश भर की योजनाओं में ऐसे डिफॉल्टर बिल्डर करोड़ों रुपये दबाए हुए हैं। माना जा रहा है कि दूसरे जिलों में भी ऐसे ही अभियान की तैयारी है।
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