लखनऊ। खौफ यानी डर जनगणना कालोनी का हर व्यक्ति खौफ में जी रहा है। उसे डर है अपने जान-माल का।
बीते मंगलवार को सुबह 11 बजे कालोनी से पत्रकार श्रवण गुप्ता के बच्चे की साईकिल चोरी हो गई। चोरी की घटना की सीसीटीवी रिकार्डिग भी है। लेकिन पुलिस बेचारी क्या कर सकती है।
ये अलग बात है कि पुलिस चाह ले तो मंदिर के बाहर से किसी की चप्पल भी चोरी नहीं हो सकती। लेकिन पुलिस चाहे तब। 11 बजे साईकिल चोरी होती है। पुलिस आती है सीसीटीवी रिकार्डिग देखती है और चली जाती है। होता कुछ नहीं क्यों कि किसी बच्चें की साईकिल चोरी की घटना इतनी बड़ी नहीं हो सकती है। कि वह अपना समय कीमती समय बर्बाद करें।
साईकिल चोरी घटना पुलिस के लिए जरूर छोटी है। लेकिन वह इसे दर्ज नहीं करती क्यों कि इससे थाने का रिकार्ड खराब होगा। थाने पर मुकदमों का बोझ बढ़ेगा। लोगों का जांच में लगाना होगा। थाने की छवि खराब होगी।
पुलिस का यही ढुलमुल रवैया अपराधियों के मनोबल को बढ़ाता है। अपराधी सोचता है कि ज्यादा से ज्यादा क्या होगा। पुलिस साईकिल चोरी का मुकदमा दर्ज नहीं करेगी और कर भी लेगी तो क्या कुछ समय में फाइल बंद कर देगी।
छोटीमोटी चोरी करने वाले चोरों को पुलिस का डर नहीं होता क्योकि पुलिस छोटे अपराध को अपराध नहीं मानती। मानती तो तुरन्त दर्ज करती। आम आदमी तो मोबइल चोरी और साईकिल चोरी की एफआईआर तक दर्ज नहीं कराता है। क्योकि उसे पता होता है पुलिस के पास टाइम नहीं है।
यह तो पक्का है कि चोर का मनोबल अब बढ़ गया है। अब फिर आयेगा। और इस बार वह किसी बड़ी चोरी को अंजाम देगा।
चोरी की यह पहली घटना नहीं है। पहले भी कालोनी से लोगों का सामान चोरी हुआ। लोगों के घारों के ताले तक तोड़कर चोरियां हुईं हैं। कभी मेनहोल के ढक्कन, कभी गाड़ियों से पैट्रोल तो कभी छोटा-मोटा सामान। कालोनी के लोगों ने इसे बर्दास्त किया।
जनगणना कालोनी में 100 से अधिक परिवार रहते हैं। कालोनी में विभाग का एक आफिस भी है। जनगणना कालोनी में केन्द्रीय लोक निर्माण विभाग (सीपीडब्ल्यूडी) का भी एक आफिस है। इतने सारे लोग असुरक्षा में जी रहे हैं। क्योकि कालोनी की सुरक्षा की के लिए एक भी गार्ड नहीं है।
भारत सरकार के गृह मंत्रालय के जनगणना विभाग की इस कालोनी को अनाथ कालोनी कहा जाए तो ठीक रहेगा।
जनगणना विभाग और सीपीडब्ल्यूडी विभाग बंदरबांट चलता रहता है। सीपीडब्ल्यूडी चाहता है कि यह कालोनी उसको पूरी तरह से दे दी जाए। लेकिन जनगणना विभाग अपना अपना एकाधिकार इस कालोनी से खोना नहीं चाहता।
जनगणना विभाग और सीपीडब्ल्यूडी विभाग की खीचतान के बीच जनगणना कालोनी में रहने वाले लोग पिस रहे हैं।
कालोनी में आए दिन चोरी की समस्या, खुली नालियों की समस्या, सड़कों के किनारे घास की समस्या, साफ-सफाई की समस्या कालोनी नहीं समस्याओं का भण्डार है।
आखिर कब जागेगे जिम्मेदार अफसर जनगणना विभाग और सीपीडब्ल्यूडी विभाग के। जब लोगों के और कीमती सामान चोरी होंगे। या लोगों के बच्चों ही चोरी हो जाएगे।