केंद्र सरकार के कर्मीयों के भत्ते पर लम्बे समय से चला आ रहा सस्पेंस अब भी जारी है. केंद्रीय मंत्रीमंडल ने गुरुवार को हुई मिटिंग में इस मुद्दे पर कोई बात नहीं की है. केंद्रीय कर्मी के भत्ते का मुद्दा मिटिंग का एजेंडा नहीं था, जहां इस मामले में आखरी फैसले की उम्मीद थी.

केंद्रीय कर्मी के भत्ते की बात अगले कैबिनेट की मिटिंग का एजेडा होने की संभावना है. नए भत्ते की मंजूरी बहुत पहले से पेंडिंग है. इस मामले को जल्दी निपटाने के लिए पीएम मोदी ने भी निर्देश दिए थे.

7वें वेतन आयोग को नए नियमों को लागू करना है. केंद्र सरकार के कर्मी नियमों को लागू होने का काफी लंबे समय से इंतजार कर रहे हैं. पे पैनल के सुझावों पर पे, पेंशन और उससे जुड़े मुद्दों को पिछले साल जून में ही लागू कर दिया गया था. जहां तक भत्ते की बात है, वो अब भी 6वें पे कमिशन के पुराने दरों पर ही दिया जा रहा है.

कैबिनेट ने रक्षा मंत्रालय के सुझावों के बाद प्रतिशत के आधार पर दिए जा रहे पेंशन को जारी रखा है. सुरक्षाबलों के लिए 3 पे मैट्रिक्स को भी जारी रखा गया है. कैबिनेट ने प्री-2016 पेंशनभोगीयों और फैमली पेशंनभोगीयों की प्रकिया में बदलाव को मजूरी दे दी है. केवल इन बदलावों से ही सरकारी खजाने पर 1.76 लाख करोड़ का बोझ बढ़ा है.

7वें केंद्रीय वेतन आयोग ने भत्ते की संरचना में कुछ बदलाव सुझाए थें. इसमें 52 तरह के भत्तों को खत्म कर दिया गया है. 36 तरह के अन्य भत्तों को इसमें जोड़ा भी गया है.

जानें 7वें वेतन आयोग की सिफारिशों में महंगाई भत्ते से जुड़ी 10 खास बातें:

1. केन्द्र सरकार के फॉर्मूले के मुताबिक महंगाई भत्ते पर 2 फीसदी की वृद्धि दी जाएगी जिसे 1 जनवरी 20176 से लागू किया जाएगा.

2. कर्मचारी यूनियनों का मानना है कि महंगाई भत्ता निर्धारित करने के लिए इंडस्ट्रियल वर्कर के लिए कंज्यूमर प्राइस इंडेक्स को बेंचमार्क मानना हकीकत से अलग आंकड़े देते हैं.

3. यूनियन के मुताबिक सीपीआई एक काल्पनिक आंकड़ा है क्योंकि लेबर ब्यूरो का आंकड़ा हकीकत से दूर रहता है.

4. महंगाई भत्ता बढ़ाने के लिए औसत सीपीआई आंकड़ा 4.95 फीसदी रहना चाहिए जिसे जनवरी 1 से दिसंबर 31, 2017 बेंचमार्क मानना चाहिए.

5. केन्द्र सरकार अक्टूबर में मंहगाई भत्ते में 2 फीसदी का इजाफा कर चुकी है और उसे जुलाई 2016 से लागू किया था जिससे अब वह सिर्फ 2 फीसदी का इजाफा और करने जा रही है. केन्द्र सरकार पिछले 12 महीने का औसत खुदरा महंगाई का आंकड़ा लेकर महंगाई भत्ता निर्धारित करता है.

6. वेतन आयोग की सिफारिशों को मंजूरी देने के बाद केन्द्र सरकार ने घोषणा की थी कि सभी कर्मचारियों को जनवरी 1, 2016 से बढ़ी हुई सैलरी और भत्ता मिलेगा लेकिन नोटबंदी लागू होने के बाद केन्द्र सरकार इस मुद्दे पर आखिरी फैसला लेने से कतरा रही है.

7. नोटबंदी का फैसला लेने के बाद मोदी सरकार ने केन्द्रीय कर्मचारियों के भत्ते पर वेतन आयोग की सिफारिशों को देखने के लिए एक कमेटी गठित कर दी. इस कमेटी को वेतन आयोग की सिफारिशों को लागू करने का रास्ता तय करने के लिए भी कहा गया है.

8. सूत्रों के मुताबिक अशोक लवासा के नेतृत्व में बनी कमेटी अपनी रिपोर्ट सरकार को सौंप चुकी है. लेकिन केन्द्र सरकार कर्मचारियों को भत्ता देने में सक्षम नहीं है क्योंकि नोटबंदी से देश में कैश की किल्लत केन्द्र सरकार को भी परेशान कर रही है .

9. सातवें वेतन आयोग ने एचआरए में 138.71 फीसदी इजाफा किया है और अन्य भत्ते में 49.79 फीसदी की इजाफा करने का प्रस्ताव दिया है. पिछले कुछ महीनों के दौरान केन्द्र सरकार के कर्मचारियों की यूनियन वित्त मंत्रालय पर जल्द से जल्द भुगतान करने के लिए दबाव बना रही है. कर्मचारी यूनियन अपनी मांग को लेकर स्ट्राइक पर जाने की बात कर रही है.

10. चुनाव आयोग के निर्देश और 5 राज्यों में चुनाव प्रक्रिया शुरू होने के बाद अब केन्द्र सरकार कर्मचारियों के भत्ते पर कोई फैसले नहीं ले सकती. लिहाजा उम्मीद की जा रही है कि अब केन्द्रीय कर्मचारियों को चुनाव प्रक्रिया पूरी होने तक इंतजार करने के अलावा कोई विकल्प नहीं बचा है.

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