केंद्र के बाद अब उत्तर प्रदेश सरकार के कर्मचारियों और पेंशनभोगियों को झटका लगा है. कोरोना संकट के चलते बने आर्थिक संकट को देखते हुए उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने महंगाई भत्ते पर रोक लगाने का फैसला किया है.

यूपी के कर्मचारियों और पेंशनभोगियों को भी भत्ते नहीं मिलेंगे. यूपी सरकार ने महंगाई भत्ते पर रोक लगा दी है. कर्मचारियों और पेंशनभोगियों को डीए नहीं मिलेगा. कर्मचारियों का 1 जनवरी 2020 से जून 2021 तक का महंगाई भत्ता बंद रहेगा.

यूपी से पहले केंद्र सरकार भी महंगाई भत्ते पर रोक लगा चुकी है. इसे लेकर कांग्रेस केंद्र सरकार को निशाना बना चुकी है. वहीं केंद्र सरकार द्वारा महंगाई भत्ता पर रोक लगाए जाने के बाद मामला सुप्रीम कोर्ट पहुंच गया है.

बता दें कि केंद्र सरकार के कर्मचारियों का महंगाई भत्ता रोकने के लिए राहुल गांधी के बाद पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह भी नरेंद्र मोदी सरकार की आलोचना कर चुके हैं. मनमोहन सिंह ने कहा था कि मौजूदा वक्त में सरकारी कर्मचारियों को आर्थिक रूप से मुश्किल में डालना गैरजरूरी है. इससे पहले पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने भी मोदी सरकार के इस फैसले को अमानवीय और असंवेदनशील कहा था.

केंद्र सरकार ने गुरुवार को 50 लाख केंद्रीय कर्मचारियों और 61 लाख पेंशनभोगियों को दिए जाने वाला महंगाई भत्ता रोकने का फैसला किया था. सरकार के मुताबिक कोरोना वायरस संक्रमण की वजह से सरकार पर पड़े आर्थिक बोझ के कारण ये फैसला लिया गया है. केंद्रीय कर्मचारियों और पेंशनभोगियों पर ये रोक जून 2021 तक लागू रहेगी. इस कटौती की वजह से केंद्र और राज्य सरकार के खजाने को लगभग सवा लाख करोड़ रुपये की बचत होगी.

कर्मचारियों को 17 की बजाए 21 फीसदी महंगाई भत्ता मिलने की उम्मीद थी. लेकिन अब सरकार ने इस बढ़ोतरी पर रोक लगा दी है. इसकी वजह से अब केंद्र सरकार के कर्मचारियों और पेंशनभोगियों को करीब 18 महीने तक सिर्फ 17 फीसदी के हिसाब से महंगाई भत्ता मिलेगा.

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