लखनऊ। कुछ दिन पहले newshawk.in ने GST विभाग में हुए 150 करोड़ के घोटाले का पर्दाफाश किया था जिससे CBIC, बोर्ड ऑफिस, नई दिल्ली से लेकर विभाग के फील्ड तक के कार्यालयों में हडकंप मचा हुआ है।

newshawk.in ने 29 जनवरी को ‘कांग्रेस के शासन में कस्टम्स एंड सेंट्रल एक्साइज विभाग में घूस लेकर बनाये जाते थे इंस्पेक्टर!‘ खबर प्रकाशित की थी।

घोटाले की खबर से GST विभाग के आला अफसरों की नींद उड़ी हुई है। अधिकारी घोटाले से जुड़ी पुरानी फाइलों की धूल साफ करने में लगे हुए हैं।

ज्ञात हो कि केंद्र में कांग्रेस की सरकार के समय केंद्रीय अप्रत्यक्ष कर एवं सीमा शुल्क बोर्ड, नई दिल्ली (CBIC) और प्रधान मुख्य आयुक्त कार्यालय, कैडर कंट्रोल, CGST, 7ए, अशोक मार्ग, लखनऊ के भारतीय राजस्व सेवा (IRS) के कुछ भ्रष्ट अधिकारियों की मिलीभगत से CGST लखनऊ व मेरठ जोन के लगभग 400 कर्मचारियों (बाबू और सिपाहियों) को गलत तरीके से इंस्पेक्टर के पद पर प्रमोशन दे दिया गया था।

गलत तरीके से पदोन्नति पाए इन निरीक्षकों को बढ़े हुए वेतन मान का लाभ देकर, सरकारी खजाने को आज तक लगभग 150 करोड़ रूपये का चूना लगाया जा चुका है। घोटाले में शामिल रकम का आकार दिन-ब-दिन बढ़ता जा रहा है।

सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार केंद्र में कांग्रेस सरकार के कैबिनेट मंत्री रहे, कानपुर के एक बड़े नेता की शह पर और विभाग के ही कानपुर के एक मास्टर मांइड (बाबू) के मार्फ़त, CBIC, नई दिल्ली और प्रधान मुख्य आयुक्त कार्यालय, CGST, लखनऊ के उच्च अधिकारियों की मिलीभगत से 150 करोड़ के इस घोटाले को अंजाम दिया गया।

विभागीय सूत्र बताते हैं कि इस गोरखधंधे में करोड़ों रूपये की घूसखोरी की गयी। वर्तमान में भी यथास्थिति बनाये रखने के लिए ये घूसखोरी जारी है।

इन फर्जी प्रमोशन को समायोजित करने के लिए सीधी भर्ती के द्वारा भरे जाने वाले निरीक्षक पदों को छुपा लिया गया था।

कर्मचारी चयन आयोग को सीधी भर्ती के पदों की सूचना नहीं दी गयी। इसका नतीजा यह हुआ कि कालांतर मैं होने वाली सीधी भर्ती में उत्तर प्रदेश से चयनित अभ्यर्थियों को इस प्रदेश में स्थान नहीं मिल सका और उन्हें दूसरे प्रदेशों में जाकर निरीक्षक पद पर सर्विस करनी पड़ रही है।

इस घोटाले के कारण प्रदेश में युवा निरीक्षकों की संख्या लगातार कम हो रही है जिसका असर GST संग्रह की कार्य प्रणाली पर भी पड़ रहा है।

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