लखनऊ। newshawk.in केंद्रीय वस्तु एवं सेवा कर विभाग में उच्च अधिकारियों ( IRS कैडर) की अंग्रेज़ी मानसिकता, VIP संस्कृति और संसाधनों के अनाधिकृत और अनैतिक दोहनों के ख़िलाफ़ लगातार ख़बरें प्रकाशित करता रहा है।
ज्ञात हो कि करीब 1 वर्ष पहले newshawk.in ने ये ख़बर प्रकाशित की थी कि कैसे CGST लखनऊ आयुक्तालय, अशोक मार्ग, लखनऊ, के अधीन कार्यरत बाराबंकी डिवीजन की सहायक आयुक्त अर्निका यादव ने अपने निजी रसूख और संबंधो का दुरुपयोग कर बाराबंकी डिवीजन में अपने ही अधीन कार्यरत क़रीब ५० साल की उम्र के एक निरीक्षक लाल बाबू पांडेय को पुलिसिया गुंडो की मदद से उठवा लिया था और रात भर पुलिस वालो से पिटवाया था।
कर्मचारी संगठनों के द्वारा विरोध किये जाने पर उस निरीक्षक के ऊपर सेक्सुअल हैरासमेंट का आरोप मढ़ दिया था।
उस मामले में केंद्रीय वस्तु एवं सेवा कर के उच्चाधिकारियों ने मिलीभगत कर दबंगई से उक्त निरीक्षक को ही ससपेंड करके सीतापुर ट्रान्स्फ़र कर दिया था और समय गुजरने के साथ मामला ठंडा हो जाने के बाद आरोपपत्र दे कर उक्त निरीक्षक को दोषी करार दे दिया था।
अंग्रेजों के ज़माने की याद दिलाती सहायक आयुक्त महोदया बाराबंकी में ही बनी रही।
विभाग के गलियारों में ये खबर फैली हुई है कि उच्चाधिकारियों द्वारा अब उसी निरीक्षक को सर्विस से टर्मिनेट करने की भी योजना बनाई जा रही है जिससे कि निचले कैडर में उनकी दहशत और जलवा कायम रहे।
ताज़ा ख़बर यह है कि उसी CGST लखनऊ आयुक्तालय के अधीन कार्यरत बाराबंकी डिवीजन में कार्यालय के सरकारी ख़र्च से कार्यालय के नाम पर कटलरी यानी प्लेट्स एवं कटोरी इत्यादि ख़रीदी गयी। लेकिन भारत सरकार के लोक कार्यालय को अपनी निजी मिल्कियत समझने वाली वही सहायक आयुक्त सुश्री अर्निका यादव को ये बर्दाश्त नहीं हुआ कि उनके अधीनस्थ और अनुभवी कर्मी उन प्लेट्स में खाना खाए।
जैसा कि अंग्रेजों के राज में अधीनस्थ कैडर को अछूत समझा जाता था, महोदया ने आनन फ़ानन में घोषणा कर दी कि कार्यालय की कप, प्लेट्स और कटोरी इत्यादि किसी अधीनस्थ कर्मचारी को नहीं मिलेगी, अधीनस्थों के लिए पैंट्री बंद कर दी गयी है और कोई भी कॉंट्रैक्ट कॉन्टिजेंट अधीनस्थ कर्मियों को चाय और पानी भी नहीं पिलाएगा।
इस घोषणा के बाद जब सभी अधीक्षक , निरीक्षक एवं अन्य कर्मचारी मैडम के पास कारण जानने पहुँचे तो मैडम ने अधीक्षकों को बेइज्जत करने के लिए उन्हें ये कहा कि तुम लोग कंटिंजेंट स्टाफ़ के ही बराबर हो और सबको अपने केबिन से बाहर कर दिया ।
उनमें से एक विकास कपूर ने जब इस घटना की जानकारी इंसिडेंट रिपोर्ट के माध्यम से लिखित रूप से प्रमुख आयुक्त, लखनऊ को दी तो पूरे कार्यालय को IRS की निजी जागीर समझते हुए सामंतवादी मैडम ने तैश में आकर अपने ही अधीनस्थ कार्य करने वाले 55 वर्ष के उम्रदराज अधीक्षक विकास कपूर को सीसीएस कंडक्ट रूल्ज़ 3(a) टू 3(c) के अंतर्गत एक एडवाइजरी जारी कर दी।
ज्ञातव्य हो कि सी सी एस कंडक्ट रूल 3(c) में सेक्शूअल हरैस्मेंट ऑफ वीमेन ऐट वर्क प्लेस मेन्शन है।
साथ ही अपने खुद के न्याय निर्णयन आदि के कार्य, जो स्वयं उनको ही करने होते हैं, के ना किये जाने का आरोप भी उन अधीक्षक पर मढ़ दिया।
इन सहायक आयुक्त महोदया ने 1 वर्ष के अंदर दूसरी बार अपने ही अधीनस्थ कर्मचारी पर इस तरीके का आरोप लगाया है।
CGST लखनऊ के कर्मचारी संगठनों ने बार बार ये मुद्दा प्रधानमंत्री, वित्तमंत्री और राजस्व सचिव को पत्र लिख कर उठाया है कि कैसे एक कैडर द्वारा विभाग के सारे उच्च पदों पर क़ब्ज़ा कर मनमाने ढंग से विभाग के संसाधनों का दुरुपयोग किया जा रहा हैं और अंग्रेज़ी प्रथाओं को अभी भी अपने निजी फ़ायदे के लिए जीवंत रखा गया है, संगठनों ने यह भी चेताया था कि अगर GST में उम्मीद के मुताबिक़ सफलता नहीं मिलती तो इसका ज़िम्मेदार विभाग में व्याप्त सामंतवादी मानसिकता ही होगी।
Newshawk.in ने ये ख़बर भी दी थी कि कई उच्च अधिकारी गाड़ियों का अनधिकृत और अनैतिक दोहन अपने निजी और सगे सम्बन्धियों के कार्यों के लिए लगातार कर रहे हैं और निचले कैडर के लोगों को डरा धमका कर फ़र्ज़ी लॉग बुक की वेरिफ़िकेशन कराते हैं।
लेकिन चूँकि कई अधिकारी मिलबाँट कर संसाधन को लूट रहे हैं और सब वाहनो के दुरुपयोग में लिप्त हैं इसलिए आवाज़ उठाने वाले निचले कैडर के कर्मचारियों को अपने निजी संबंधों, पहचान और रसूख के बल पर पुलिस द्वारा उठवा लिया जाता हैं। और कोई भी सीसीएस कन्डक्ट रूल इन वाहनो के दुरुपयोग के लिए इन उच्चाधिकारियों पर नहीं लगता। आख़िर लगाए भी कौन ?
IRS अधिकारी सभी शक्तिशाली पदों पर क़ब्ज़ा जमा के बैठे है इसलिए अपनी खुद की जिम्मेवारी वाले सारे कार्यालयीन कार्य भी डरा धमका के अपने अधिनस्थो से कराते हैं।
मंत्रियों के भी कमरों को मात करते बड़े बड़े लक्जरी रूम में सरकारी खर्चे से फाइव स्टार चाय, नास्ता और लंच, डिनर करके मौज मस्ती करते हैं l
कई अधिकारियों ने अपने नॉर्म्स से तीन चार गुणे बड़े कमरों पर क़ब्ज़ा कर रखा हैं, साथ ही विभागीय गेस्ट हाउस पर भी इनका खुद का और इनके रिश्तेदारों का क़ब्ज़ा रहता है।
अपने से निचले कैडर को डराने धमकाने के लिए ये अफसर उन पर सी सी एस कंडक्ट रूल्स के उल जलूल आरोप मढ़ते हैं और उनकी हर उठने वाली आवाज अपने एडमिनिस्ट्रेशन की आड़ में कुचल देते हैं, जिससे इनका अंग्रेजी राज़ कायम रहे और ये बिना कुछ काम किए भी सरकारी धन पर मौज कर सकें।
सीजीएसटी लखनऊ जोन की अधीक्षक असोसिएसन और कर्मचारी संगठन, सहायक आयुक्त बाराबंकी द्वारा जारी की गयी एडवाइजरी को विड्रॉ कर उक्त सहायक आयुक्त को निलंबित करके लखनऊ जोन से बाहर स्थानांतरित करने की मांग कर रहे हैं। साथ ही उनके खिलाफ महिलाओं को संविधान द्वारा प्रदत्त शक्तियों के बार बार दुरुपयोग के लिए भारत सरकार की किसी स्वतंत्र जांच एजेंसी द्वारा निष्पक्ष जांच कराए जाने के लिए भी विचार कर रहे हैं।
Unfortunate
इन अंग्रेज़ अधिकारियों के अनैतिक दोहनो की जाँच कर कार्यवाही करनी चाहिए ॰ एक तरफ़ मोदी जी लोगों को बता रहे हैं कि वो सेवक हैं द्दोस्री तरफ़ उनके नाक के नीचे ये अंग्रेज़ मौज कर रहे है