पोर्ट आफ स्पेन, विराट कोहली नहीं चाहते कि क्रिकेट और जिंदगी का लुत्फ उठाते समय कप्तानी उनके आड़े आये और भारतीय कप्तान ने कहा कि यही वजह है कि अक्सर कानों में संगीत पड़ने पर वह मैदान पर थिरकने लग जाते हैं।

कोहली को वेस्टइंडीज के खिलाफ पहले एकदिवसीय मैच में बारिश के खलल के दौरान क्रिस गेल और मैदानकर्मियों के साथ कैरेबियाई धुनों पर थिरकते हुए देखा गया।

कोहली ने दूसरे वनडे के बाद युजवेंद्र चहल से कहा, ‘‘मैं बेहद खुले दिमाग का इंसान हूं और इसलिए जब भी मुझे संगीत सुनाई देता है तो मेरे पांव खुद ही थिरकने लग जाते हैं।’’

बीसीसीआई.टीवी पर पोस्ट किये गये इस वीडियो में कोहली ने कहा, ‘‘मैं मैदान पर हर पल का लुत्फ उठाना चाहता हूं। यह मेरे ऊपर भगवान की कृपा है। यह मायने नहीं रखता कि मैं कप्तान हूं या नहीं। मैं एक खास अंदाज में नहीं चलता कि मैं कप्तान हूं तो मुझे इस तरह से खड़ा रहना है।’’

भांगड़ा को अपना पसंदीदा ‘डांस’ बताने वाले कोहली ने कहा, ‘‘ भगवान ने इतनी अच्छी जिंदगी दी है, देश के लिये खेलने का इतना अच्छा मौका दिया है तो मुझे लगता है कि हमें इन पलों का भरपूर आनंद लेना चाहिए। विरोधी टीमों के साथ भी कभी कभी मजाक करना अच्छा लगता है।’’

कोहली ने दूसरे वनडे में 125 गेंदों पर 120 रन बनाकर भारत की 59 रन से जीत में अहम भूमिका निभायी तथा भारतीय कप्तान ने कहा कि क्वीन्स पार्क ओवल की चुनौतीपूर्ण परिस्थितियों के कारण वह बीच में थक गये थे।

उन्होंने कहा, ‘‘आज की परिस्थितियां चुनौतीपूर्ण थी। दिन में बारिश हुई थी तथा काफी गर्मी और उमस थी। ईमानदारी से कहूं तो 60-65 रन बनाने के बाद मैं काफी थक चुका था लेकिन परिस्थितियां ऐसी थी कि मेरा टिके रहना जरूरी थी। इसलिए मुझे अतिरिक्त मेहनत करनी पड़ी। ’’

कोहली ने कहा, ‘‘हमारा लक्ष्य रहता है कि शीर्ष तीन में से कोई पारी को संवारने का काम करे। रोहित (शर्मा) और शिखर (धवन) ने लगातार हमारे लिये ऐसा किया है। आज जब वे दोनों नहीं चल पाये तो यह जरूरी था कि एक क्रीज पर टिके रहकर बड़ी पारी खेले।’’

शतक जमाने के बाद भारतीय कप्तान ने सलामी बल्लेबाज एविन लुईस का एक हाथ से शानदार कैच भी लिया।

कोहली ने कहा, ‘‘मैं हमेशा अपनी टीम के लिये किसी भी तरह से कड़ी मेहनत करना चाहता हूं चाहे फिर वह जरूरी कैच लेना हो या रन आउट करना। ’’

उन्होंने कहा, ‘‘मेरा मानना है कि हर खिलाड़ी को अपनी जीवनशैली इस तरह से बनानी चाहिए और अनुशासित रहना चाहिए ताकि वह मैदान पर शत प्रतिशत दे सको। अगर आप ऐसा नहीं करते तो आप अपनी टीम के साथ न्याय नहीं कर सकते। मैं वह हर काम करता हूं जिससे मैं टीम के लिये अपना पूरा योगदान दे सकूं। ’’

कोहली ने कहा, ‘‘मैंने अपनी जीवनशैली, अभ्यास और खानपान इस तरह से बदला है ताकि मैं कड़ी परिस्थतियों में भी टीम के लिये योगदान देने में सक्षम रहूं। इससे इस तरह के दिनों में मदद मिलती है जबकि परिस्थितियां काफी कड़ी होती हैं। ’’

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