लखनऊ। अंग्रेज चले गये लेकिन अंग्रेजियत नहीं गई। यह कहावत तो आपने अकसर सुनी होगी लेकिन आप इसका कहावत को साक्षात रूप में देखना चाहते है तो आप केंद्रीय वस्तु एवं सेवा कर विभाग में देख सकते हैं।

संगठन ने लखनऊ में करदाताओं के लिए आयोजित एक कार्यक्रम में VIP संस्कृति के ख़िलाफ़ रोष व्यक्त किया। साथ ही अलग-अलग खाने के इंतज़ामों के ख़िलाफ़ ऊँगली उठाते हुए गांधी जी की याद दिलायी कि कैसे इसी भेदभाव और सामंतवादी मानसिकता के ख़िलाफ़ गांधी जी ने आज़ादी की लड़ाई लड़ी थी। और आज आज़ाद देश में भी वही भेदभाव और सामंतवादी व्यवस्था देश के नागरिकों के आत्मसम्मान को कुचल रहा है।

लखनऊ सर्कल के केंद्रीय वस्तु एवं सेवा कर के निरीक्षक संगठन ने प्रधानमंत्री को पत्र लिख कर केंद्रीय वस्तु एवं सेवा कर में व्याप्त VIP कल्चर को ख़त्म करने और CBIC में नौकरशाही सुधार के लिए हस्तक्षेप करने की मांग की। निरीक्षक संगठन ने उच्च अधिकारियों (IRS कैडर) को विभाग में व्याप्त कुव्यवस्था और भ्रष्टाचार का दोषी ठहराया।

प्रधानमंत्री को यह अवगत कराते हुए कि कैसे एक कैडर द्वारा सारे उच्च पदों पर क़ब्ज़ा कर मनमाने ढंग से विभाग के संसाधनों का दुरुपयोग किया जा रहा हैं और अंग्रेज़ी प्रथाओं को अभी भी अपने फ़ायदे के लिए जीवंत रखा गया हैं, चेताया है कि अगर GST में अगर उम्मीद के मुताबिक़ सफलता नहीं मिलती तो इसका जि़म्मेदार विभाग में व्याप्त सामंतवादी मानसिकता ही होगी।

साथ ही संगठन ने मांग की है कि केंद्रीय वस्तु एवं सेवा कर में प्रस्तावित कैडर रीस्ट्रक्चरिंग की समिति में संगठन के लोगों को भी शामिल किया जाए क्योंकि IRS कैडर हर कैडर रीस्ट्रक्चरिंग में अपने फ़ायदे और मनमाने शासन के लिए विभाग और बाक़ी कैडर के ज़रूरतों को नज़रंदाज कर देता हैं और अपने लिए पद और सुविधाएँ बढ़ाता रहता हैं जोकि अव्यवस्था, अनियमितता और साथ ही भ्रष्टाचार का मुख्य कारण हैं।

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1 thought on “GST विभाग के निरीक्षक संगठन ने प्रधानमंत्री से की VIP कल्चर को खत्म करने की मांग

  1. Whatever has been said in the letter, reveals the internal system of the department. Very unfortunate situation, must be reformed by the government, surely this is not the aim of the independence.

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