बांदा डिस्ट्रिक्ट कोऑपरेटिव बैंक लिमिटेड की अधिकतर शाखाओं में एक शाखा प्रबंधक व एक कैसियर है। जबकि बैंकिंग व्यवसाय में टारगेट डिपॉजिट व ऋण वितरण और फिर वसूली का बोझ हमेशा बना रहता है।

प्रदेश सरकार द्वारा प्रत्येक विभाग के उच्चाधिकारियों को भ्रष्टाचार की रोकथाम हेतु खुली छूट दे रखी है। कोऑपरेटिव बैंक के सचिव मुख्य/कार्यपालक अधिकारी राकेश कुमार पांडेय ने इस खुली छूट का पूरा फायदा उठा रहे हैं।

वह अबतक लगभग 20 बैंक कर्मचारियों को निलंबित कर चुके हैं। पूर्व में हुए कोऑपरेटिव बैंक की शाखा ओरन में चार करोड़ के गबन में 10 कर्मचारियों के नाम शामिल हैं।

सूत्रों की माने तो चार करोड़ के गबन में कुछ ही लोग दोषी हैं। एक वर्ष से चल रही जांच का कोई परिणाम नजर नहीं आ रहा। क्योंकि पूरे प्रकरण में मुख्यालय में बैठे अधिकारी खुद को बचाने में लगे हैं। मुख्यालय में बैठे अधिकारियों को अपने दामन पर दाग साफ दिखाई दे रहे हैं। क्योंकि इतना बड़ा गबन बिना मुख्यालय में बैठे अधिकारियों की जानकारी के बिना एक छोटी सी शाखा से कैसे हो सकता है।
मुख्यालय में बैठे उच्च अधिकार आरके पांडेय ने अभय दान दे रखा है। जांच के नाम पर कई कर्मचारियों को 6 माह से अधिक समय से निलंबित कर रखा है। निलंबित कर्मचारियों का कहना है कि न तो जांच आगे बढ़ रही है और न ही उनको बहाल किया जा रहा है।

राकेश कुमार पांडेय बैंक कर्मचारियों के लिए फिल्म शोले के गबर सिंह बने हुए हैं जो अपने ही कर्मचारियों को रगड़ देने व किसी दूर शाखा में ट्रांसफर कर देने की धमकी देते रहते हैं।

ज्ञात हो कि बीते दिनों डिप्रेशन के चलते एक बैंक कर्मचारी ने फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली थी। बैंक कर्मचारियों में आये दिन ट्रांसफर कर डर व किसी मामले में फंसने डर इस कदर व्याप्त है कि आत्महत्या करना ज्यादा पंसद कर रहा है।

राकेश कुमार पांडेय की तानाशाही के कारण बैंक के कार्य प्रभावित हो रहे हैं। सभी दुर्घटनाओं को नजरअंदाज करते हुए राकेश कुमार पांडेय अपनी तानाशाही का घमंड आज भी बनाए रखे हैं जिसकी वजह से बैंक कर्मचारियों में विपरीत परिस्थितियों पढ़ रही हैं।

ज्ञात हो कि अभी हाल में ही इस बैंक की शाखा अतर्रा मुख्य में गबन के दोषी कर्मचारियों के विरुद्ध कोई भी कार्रवाई नहीं की गई। अतर्रा मुख्य के शाखा प्रबंधक गजेंद्र कुमार नामदेव को भी आर के पांडेय ने अभय दान देते हुए अपने पूर्ण संरक्षण में गजेंद्र कुमार नामदेव को जांच अधिकारी बना दिया है।

About The Author

1 thought on “बांदा कोऑपरेटिव बैंक के कार्यपालक अधिकारी ने गबन अरोपी को बना दिया जांच अधिकारी!

  1. It’s going to be end of mіne day, exϲept before ending I
    am reading this impressive paragraph to increase my know-һoѡ.

Leave a Reply

%d bloggers like this: