लखनऊ। उत्तर प्रदेश लघु उद्योग निगम लि0 (यूपीएसआईसी) के एमडी हीरालाल ने 18 जुलाई को ब्लैक लिस्ट कर दिया। एमडी हीरालाल ने बताया कि अवनी परिधि एनर्जी एंड कम्यूनिकेशन प्राइवेट लिमिटेड अब अजीवन यूपीएसआईसी में बतौर वेंडर काम नहीं कर सकेगी। कंपनी में व्याप्त अन्य तरह की अनियमिताओं की जांच के लिए शासन को लिखा है।

अवनी परिधि एनर्जी एंड कम्यूनिकेशन प्राइवेट लिमिटेड पर आरोप है कि यूपीएसआईसी से अनुबंध खत्म होने के बाद भी विभाग का लोगो लगाकर सरकारी कार्यालयों को पत्र लिखा और खुद को काम दिए जाने का दवाब बनाया। अवनी परिधि एनर्जी एंड कम्यूनिकेशन प्राइवेट लिमिटेड यूपीएसआईसी में 31 अक्तूबर 2017 तक के लिए ही पंजीकृत थी। पंजीकरण की वैधता खत्म होने के बाद अवनी परिधि एनर्जी एंड कम्यूनिकेशन प्राइवेट लिमिटेड की ओर से अनधिकृत रूप से यूपीएसआईसी का लोगो छपा पत्र विभिन्न विभागों को जारी किए गए। इनमें से एक पत्र यूपीएसआईसी के हाथ लगा था। जिसे प्रदेश के सभी जिला अस्पताल के निदेशकों, प्रमुख चिकित्सा अधीक्षकों व मुख्य चिकित्साधिकारियों को जारी किया गया था।

अवनी परिधि एनर्जी एंड कम्यूनिकेशन प्राइवेट लिमिटेड पर आजीवन प्रतिबंध की कार्रवाई की गई है। कंपनी में और भी कई तरह की अनियमितताएं हैं। सेंट्रल जीएसटी, ईएसआई ईपीएफ की ओर से भी जांच की जा रही है। कंपनी की ओर से मांग गए दस्तावेज भी उपलब्ध नहीं करवाए गए। एजेंसी की गतिविधियों की वजह से विभाग की छवि खराब हुई है।
हीरालाल, एमडी यूपीएसआईसी

ज्ञात हो कि शासन ने वर्ष 2014 में उत्तर प्रदेश लघु उद्योग निगम लि0 (यूपीएसआईसी) को मैनपावर की नोडल एजेंसी नामित कराया। जबकि यूपी में मैनपावर की कई नोडल एजेंसियां पहले से थी। यूपीएसआईसी में इनपैनल होने के लिए ऐसे नियम बनाए गए जिनको प्रदेश मात्र तीन कंपनियां ही पूरा कर पाई।

यूपीएसआईसी में इनपैनल होने के लिए पहली सबसे बड़ी शर्त यह थी कि मैनपावर कंपनी का आफिस विधानसभा से करीब होना चाहिए। दूसरी शर्त 50 लाख की बैंक गांरटी देनी होगी और यूपीएसआईसी की फार्म फीस 10 लाख रूपये रखी गई। चूकि यूपीएसआईसी की शर्तों को पूरा करना छोटी कंपनियों के बस की बात नहीं थी।

इसलिए ज्यादातर कंपनियां यूपीएसआईसी से दूर ही रहीं। अज्ञात गुप्ता यही चाहते थे। अपने व्यक्तिगत संबंधों के बल पर अज्ञात गुप्ता ने स्वास्थ विभाग के तत्कालीन सचिव अरविंद नारायण मिश्र से रिटायर्ड मेंट के दिन ऐसा शासनादेश साइन करवा लिया जिससे पूरे प्रदेश को एक ही बार में लूटा जा सके। स्वास्थ्य विभाग में आउटसोर्सिंग के माध्यम से प्रदेश के हर जिले में हजारों युवाओं को नौकरी दी गई और उनसे सरकारी नौकरी के नाम पर करोड़ों रूपये घूस के रूप ले लिए। यूपीएसआईसी का वेंडर होने की वजह से इनको कई विभाग का काम बिना टेंडर के प्राप्त हो गया। यह लूट का खेल पिछली सरकार में जोरदार तरीके से चला। वर्तमान सरकार में भी यह खेल चल रहा था। कि यूपीएसआईसी के एमडी हीरालाल ने इनकी कंपनी को ही ब्लैक लिस्ट कर दिया।

वर्तमान में अज्ञात गुप्ता ने अपनी कंपनी के माध्यम से प्रदेश के हजारों युवाओं को नौकरी के नाम पर ठगा है। बेरोजगार युवाओं से रजिस्ट्रेशन के नाम पर पैसा लिया गया। घूस के नाम पर पैसा लिया गया। कंपनी द्वारा कर्मचारियों के ईएसआई और पीफ की चोरी की जा रही है। कंपनी करोड़ों रूपये यूपीएसआईसी के हिस्से के हड़प कर बैठी है।

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4 thoughts on “अवनी परिधि एनर्जी एंड कम्यूनिकेशन प्रा. लि. ब्लैक लिस्ट

  1. Sahab ji mujhe peone ki nokari chahiye aapse hath jor ke prathana hai sahab ji ki mujhe azamgarh, Lucknow, faizabad, Barabanki, Ambedkar Nagar me nokari dene ka kast kare sahab ji…….

  2. क्या इसको प्रयागराज में भर्ती का आदेश दिया गया है स्वास्थ्य विभाग में

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