देहरादून , प्रख्यात जल संरक्षण कार्यकर्ता राजेंद्र सिंह ने दावा किया है कि गंगा नदी की हालत नाजुक है और मोदी सरकार के चार साल के शासन में हरिद्वार से लेकर गंगा सागर तक इसका नया पुनर्जीवन कार्य शुरू नहीं हुआ है। सिंह ने कहा , ‘‘ मां गंगा की हालत नाजुक है। मोदी सरकार चार साल से शासन में है और मैं कह सकता हूं कि हरिद्वार से लेकर गंगा सागर तक इस अवधि के दौरान नया पुनर्जीवन कार्य शुरू नहीं हुआ है।’’
उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी नीत केंद्र सरकार को संभवत : निशाना बनाते हुए कहा , ‘‘ जो लोग खुद को मां गंगा का पुत्र बताते हैं, वे उसे भूल गए हैं। ’’ मैग्सायसाय पुरस्कार से सम्मानित सिंह ने संवाददाताओं से कहा कि मार्च 2019 तक इस नदी को साफ करने का केंद्र का दावा पूरा हो पाना असंभव है क्योंकि इस दिशा में कुछ नहीं किया गया है। नमामि गंगे पर करोड़ों रूपये का खर्च का कोई मतलब नहीं है क्योंकि कोई योजना नहीं है। हालांकि , नदियों को बचाने के लिए काम करने को लेकर ‘ वाटरमैन ’ कहे जाने जाने वाले सिंह ने रिस्पना और बिंदल नदियों को पुनर्जीवित करने के लिए उत्तराखंड सरकार की कोशिश में हर मदद करने का वादा किया।
उन्होंने कहा कि अतिक्रमण , प्रदूषण और जल के अत्यधिक दोहन पर रोक लगाने पर जोर दिया जाना चाहिए। सिंह ने कहा कि उत्तराखंड में बारहमासी चारधाम सड़क परियोजना का जिस तरह बगैर किसी योजना के निर्माण कार्य किया जा रहा है , वह गंगा को नुकसान पहुंचा रहा है क्योंकि चट्टानों को काटे जाने के बाद मलबा सीधे नदी में गिर रहा है। उन्होंने सुझाव दिया कि चट्टानों को काटे जाने से पहले नदी किनारों पर दीवारें बनाना उपयुक्त होगा।

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