बांदा कोआपरेटिव बैंक की ओरन ब्रांच में बैंक कर्मचारियों ने फर्जी साइन कर विड्राल फार्म से निकाले खातों से 16 लाख

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बांदा। बांदा कोआपरेटिव बैंक की ओरन ब्रांच में 16 लाख की हेराफेरी मामले में बैंक मैनेजर और कैशियर को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया गया है। जांच के लिए पांच सदस्यीय टीम गठित की गई है। यह 15 दिन में अपनी रिपोर्ट देगी। जांच में दोषी पाए जाने पर एफआईआर भी दर्ज कराई जाएगी।
कोआपरेटिव बैंक की ओरन शाखा में लगभग एक दर्जन से ज्यादा खाताधारकों के खाते से गुपचुप ढंग से कई बार में रकम निकाल ली गई। 17 अगस्त को बैंक उप महाप्रबंधक विनोद मिश्रा दो अन्य शाखा प्रबंधकों के साथ औचक निरीक्षण में ओरन गए थे। वहां खाताधारकों ने पैसा निकालने में हो रही लेटलतीफी की शिकायत की। इस पर उप महाप्रबंधक ने बैंक के लेजर आदि देखे। उन्हें दाल में कुछ काला नजर आया। इस पर उन्होंने मुख्यालय से तीन सदस्यीय टीम जांच के लिए ओरन भेजी। 21 अगस्त को टीम ने बैंक में जांच की। इसमें भंडाफोड़ हुआ कि लगभग 16 लाख रुपये खातों से निकाल लिए गए। टीम ने अपनी रिपोर्ट महाप्रबंधक को दी।
इसी बीच बैंक कर्मियों ने आनन-फानन खातों से निकाला गया पैसा वापस जमा कर दिया। यह लगभग 16 लाख रुपये बताया जा रहा है। यह जांच के बाद ही स्पष्ट होगा कि कितना पैसा या जमा किया गया? इसके बाद कोआपरेटिव बैंक के अधिकारियों ने इस पर कार्रवाई तेज कर दी। ओरन ब्रांच मैनेजर विजय कुमार शुक्ला और कैशियर नीरज त्रिपाठी को निलंबित कर दिया गया है। इन पर बाउचरों में हेराफेरी और हाथ से लिखकर मैन्युअल लेनदेन तथा खाताधारकों को समय से भुगतान न करने के आरोप हैं। इस मामले में निलंबन की कर्यवाही की गई है जांच में दोषी कर्मचारियो के दोषी पाए जाने पर एफआईआर दर्ज होगी ।

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