जनगणना आवासीय परिसर में वर्षों से नहीं लगी झाडू
लखनऊ। जनगणना आवासीय परिसर में सालों से न सफाई हुई और न ही झाडू लगी है। सरकारी आवास की नालियां कूड़े के ढेर से पटी हुई है, न नालियों में सफाई होती है और न ही नालियां चालू हैं। चारों तरफ जंगल झाड़ी से घिरे सरकारी आवास में रहने वाले लोग कीड़े-मकौड़े और मछरों से परेशान हैं।
जनगणना आवासीय परिसर में मेंटीनेस की जिम्मेदारी केंद्रीय लोक निर्माण विभाग (सीपीडब्ल्यूडी) की है। लेकिन साफ-सफाई के मामले में सीपीडब्ल्यूडी का कहना है कि झाडू लगवाना हमारी जिम्मेदारी नहीं है।
सीपीडब्ल्यूडी ने जनगणना कालोनी में ‘स्वच्छता ही सेवा‘ का वैनर अवश्य लगा लगा रखा है। लेकिन स्वच्छता से इनका कोई लेना देना नहीं है।
ज्ञात हो कि जनगणना आवासीय परिसर जनगणना विभाग के कर्मचारियों के रहने के लिए बनाई गई है। इस कालोनी में सिर्फ जनगणना विभाग के कर्मचारी ही रहते है।
जानकारी के अनुसार जनगणना कालोनी में 100 परिवार रहते हैं।
जनगणना विभाग मेंटीनेस के नाम पर कालोनी में रहने वाले आवंटियों से एचआरए के अलावा हजारों रूपए वसूल लेता है।
कालोनी में रहने वाले अवटिओं को बिजली का बिल भी आफिस में नकद जमा करना होता है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के हजारों बार कहने के बावजूद आजतक यहां का बिजली का बिल कैशलेस नहीं हो सहा है।
ज्ञात हो कि जनगणना विभाग गृह मंत्रालय के अंतर्गत आता है और भारत सरकार के गृहमंत्री राजनाथ सिंह है। यह लखनऊ से ही संसद हैं।
भारत सरकार के गृहमंत्री के संसदीय क्षेत्र और उन्हीं के विभाग में जब प्रधानमंत्री के स्वच्छता के सपने को साकार नहीं होने दिया जा रहा है। तो पूरे देश में स्वच्छता का सपना कैसे साकार होगा।
