आधार फैसला: अलग अलग लोगों पर अलग अलग असर

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नयी दिल्ली, मानवाधिकार कार्यकर्ताओं तथा अन्य लोगों का मानना है कि आधार पर उच्चतम न्यायालय का बुधवार का फैसला अलग अलग लोगों पर अलग अलग प्रकार से असर डालेगा। यह फैसला उन लोगों के लिए राहत भरा है जिन्हें अब बैंक अकाउंट और मोबाइल को आधार से जोड़ना नहीं पड़ेगा वहीं सरकारी योजनाओं में छूट पाने वालों के लिए आधार हर हाल में जरूरी हो गया है।

बिपाशा मुखर्जी (21) ऐसी ही एक उपभोक्ता हैं जिनका सिम और आधार जुड़ा नहीं होने से पिछले महीने मोबाइल ने 72घंटे के लिए काम करना बंद कर दिया था। उन्होंने इस फैसले का स्वागत किया है।

वहीं एक अन्य महिला गौरी देवी घरेलू कामगार हैं और उन्हें कल्याणकारी योजनाओं और सरकारी छूट का लाभ पाने के लिए आधार की जरूरत हैं। उन्होंने बताया कि उन्होंने और उनके दो बेटों ने आधार के लिए आवेदन दिया था लेकिन केवल उनके छोटे बेटे को आधार मिला।

गौरी कहती हैं, ‘‘ आधार के बिना कुछ नहीं होता। भोजन से ले कर स्वास्थ्य सुविधाए,सभी में छूट के लिए आधार चाहिए।’’ वहीं मानवाधिकार संगठन एमनेस्टी इंडिया ने कहा, ‘‘जरूरी सेवाएं और लाभ पाने के लिए आधार होने की पूर्व शर्त अनेक संवैधानिक अधिकार जैसे कि भोजन का अधिकार, स्वास्थ्य सेवाएं, शिक्षा का अधिकार और सामजिक सुरक्षा का अधिकार पाने की राह में बाधा है।’’

वहीं ‘भोजन का अधिकार’ कार्यकर्ता दीपा सिन्हा ने कहा कि उन्हें उम्मीद थी कि कल्याणकारी योजनाओं को आधार से जोड़ने के नियम को हटाया जाएगा।’’ उन्होंने कहा, ‘‘ तो एक प्रकार से यह निराश करने वाला फैसला है।’’ इसके अलावा बड़ी संख्या में लोगों ने ट्विटर पर अपने अपने विचार व्यक्त किए।

वहीं दिव्यांग अधिकार संगठनों ने इस फैसले पर निराशा जताई है। उनका दावा है कि हजारों की संख्या में दिव्यांग पेंशन तथा अन्य सामाजिक सुरक्षा योजनाओं से वंचित हो जाएंगे। ‘नेशनल प्लेटफॉर्म फॉर द राइट्स ऑफ द डिसएबिल्ड’(एनपीआरडी) ने कहा कि यह फैसला दिव्यांग लोगों को प्रभावित करेगा।

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