संसद के मानसूत्र सत्र में दो दिन शेष, कई महत्वपूर्ण विधेयक सूचीबद्ध

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नयी दिल्ली, संसद का मानसून सत्र समाप्त होने में दो दिन शेष रहने के बीच लोकसभा में करीब आठ विधेयक और राज्यसभा में दो दर्जन विधेयक कामकाज की सूची में रखे गए हैं।

संसद के चालू मानसूत्र सत्र के दौरान दोनों सदनों में आमतौर पर बेहतर कामकाज हुआ है । सत्र के दौरान संसद ने राष्ट्रीय पिछड़ा आयोग को संवैधानिक दर्जा देने संबंधी विधेयक को मंजूरी दी । उच्च सदन ने राष्ट्रीय नागरिक पंजी. के विषय पर चर्चा भी की । निचले सदन ने देश में बाढ़ एवं सूखे की स्थिति पर चर्चा की ।

लोकसभा में केंद्रीय माल एवं सेवा कर (जीएसटी) संशोधन विधेयक, समन्वित माल एवं सेवा कर संशोधन विधेयक, केंद्र शासित प्रदेश माल एवं सेवा कर संशोधन विधेयक तथा माल एवं सेवा कर राज्यों को मुआवजा संशोधन विधेयक 2018 चर्चा और पारित होने के लिये सूचीबद्ध हैं ।

इसके अलावा अविनियमित निक्षेप स्कीम पाबंदी विधेयक 2018, लोक प्रतिनिधित्व संशोधन विधेयक 2017 और मध्यस्थ और सुलह संशोधन विधेयक 2018 को सूचीबद्ध किया गया है।

कामकाज की सूची में उपभोक्ता संरक्षण विधेयक 2018 को चर्चा एवं पारित होने के लिये सूचीबद्ध किया गया है।

केंद्रीय उपभोक्ता और खाद्य आपूर्ति मंत्री राम विलास पासवान ने सोमवार को ही लोकसभा सदस्यों से आग्रह किया था कि नये उपभोक्ता संरक्षण विधेयक को जल्द से जल्द बिना चर्चा के पारित किया जाए जिससे उपभोक्ताओं की शिकायतों का जल्द से जल्द निवारण सुनिश्चित हो सकेगा।

उन्होंने यह भी कहा था कि नये उपभोक्ता संरक्षण विधेयक में उपभोक्ताओं को उनके अधिकार दिलाने के पर्याप्त प्रावधान हैं और यह विधेयक सदन में लंबित है। मौजूदा मानसून सत्र में ज्यादा समय नहीं बचा हैं और इसी दौरान विधेयक को लाया जाए और पारित कराया जाए।

संसदीय स्थाई समिति में इस विधेयक पर सभी पक्षों ने विस्तार से चर्चा की है । उपभोक्ता संरक्षण विधेयक, 2018 में केंद्रीय उपभोक्ता संरक्षण प्राधिकार की स्थापना का प्रस्ताव है जो सामग्री बेचने के अनुचित तरीकों और भ्रामक विज्ञापनों के मामलों को देखेगा। इस प्राधिकार के पास जाकर उपभोक्ता किसी भी तरह की शिकायत दर्ज करा सकते हैं।

कुछ ही दिन पहले राज्यसभा के सभापति एम वेंकैया नायडू ने सदन में कहा था कि करीब दो दर्जन महत्वपूर्ण विधेयक हैं जो सत्र के दौरान सदन में आने वाले सप्ताह के कामकाज के लिये निर्धारित हैं। ये सभी महत्वपूर्ण हैं।

अनुसूचित जातियां, अनुसूचित जनजातियां अत्याचार निवारण संशोधन विधेयक लोकसभा में पारित हो चुका है और अब इसे राज्यसभा में चर्चा और पारित होना है। इसके अलावा होम्योपैथी परिषद से संबंधित विधेयक, आरटीई संशोधन विधेयक, एनसीटीई से संबंधित विधेयक, मानव दुर्व्यापार संबंधी विधेयक पर निचले सदन में चर्चा होनी है।

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