आकाश दीप ने जिस गेंद पर उड़ाए जो रूट के स्टंप्स, क्या वो नो बॉल थी?

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नई दिल्ली। आकाश दीप (Aakaash Deep) ने जिस गेंद पर जो रूट जैसे दिग्गज के स्टंप्स बिखेरे, उस गेंद की लीगैलिटी पर सवाल उठ रहे हैं। आकाश दीप (Aakaash Deep) ने वाइड ऑफ क्रीज (Wide of the Crease) जाकर ये गेंद फेंकी थी, जिसे जो रूट ने डिफेंड करने की कोशिश की, लेकिन गेंद उनके ऑफ स्टंप को उखाड़कर ले गई थी। ये गेंद लीगल थी या नहीं या फिर अंपायर से कोई चूक हुई? इस पर अब मेरिलबोन क्रिकेट क्लब यानी एमसीसी का बयान सामने आ गया है, जो इंटरनेशनल क्रिकेट के लिए नियम तैयार करती है। एमसीसी का मानना ​​है कि जो रूट के डिसमिसल में कुछ भी गलत नहीं है।

दावा था का आकाश दीप ने जो गेंद जो रूट को डाली, उस गेंद पर उनका पैर बॉलिंग की साइड में रिटर्न क्रीज से टच हुआ था। ये सच है कि आकाश दीप का पैर रिटर्न क्रीज से टच हुआ था, लेकिन नियमों को देखें तो पाएंगे कि रिटर्न क्रीज को छूना कोई गुनाह नहीं है, बल्कि आपका पहला इम्पैक्ट उस पर ना हो। इस केस में आकाश दीप का पंजा क्रीज के अंदर था और जब वे गेंद करने के लिए आगे गए तब उनका पैर रिटर्न क्रीज को टच किया। इस तरह आकाश दीप की ये गेंद पूरी तरह लीगल थी, जिस पर जो रूट आउट हुए।

आकाश दीप ने दसवें ओवर की दूसरी गेंद पर जो रूट को क्लीन बोल्ड किया था। अनुभवी इंग्लिश बल्लेबाज भारतीय तेज गेंदबाज की अंदर आती गेंद से पूरी तरह से चकरा गया, लेकिन कुछ ही देर बाद गेंदबाज के पिछले पैर की की फुटेज सामने आई, जिससे मीडिया के एक वर्ग में इस बात को लेकर हंगामा मच गया कि यह बैकफुट नो बॉल थी और इसलिए गेंद लीगल नहीं थी, जिस पर बल्लेबाज को आउट नहीं दिया जाना था। कुछ कमेंटेटरों ने ऑन एयर कमेंट किया कि यह नो बॉल होनी चाहिए थी। इनमें इंग्लैंड के पूर्व बल्लेबाज जोनाथन ट्रॉट भी शामिल थे, लेकिन रवि शास्त्री ने इस गेंद को पूरी तरह लीगल माना।

क्रिकबज के मुताबिक, एमसीसी के प्रवक्ता ने इस मामले को लेकर कहा, “पिछले सप्ताह इंग्लैंड के खिलाफ भारत के टेस्ट मैच के चौथे दिन, आकाश दीप की गेंद पर सवाल उठे थे, जिस पर जो रूट बोल्ड हो गए थे, कुछ प्रशंसकों और कमेंटेटरों का मानना ​​था कि यह नो बॉल थी, जबकि आकाश दीप असामान्य रूप से क्रीज पर वाइड लैंड हुए और उनका पिछला पैर रिटर्न क्रीज के बाहर जमीन को छूता हुआ दिखाई दिया, तीसरे अंपायर ने नो बॉल नहीं कहा। एमसीसी को यह स्पष्ट करते हुए खुशी हो रही है कि यह लॉ के मुताबिक सही निर्णय था।”

एमसीसी ने संबंधित कानून का हवाला देते हुए कहा कि कानून 21.5.1 में कहा गया है, “पैरों के संबंध में डिलीवरी निष्पक्ष होने के लिए, डिलीवरी स्ट्राइड में गेंदबाज का पिछला पैर उसकी बताई गई डिलीवरी के तरीके से संबंधित रिटर्न क्रीज के भीतर ही लैंड होना चाहिए और उसे टच नहीं करना चाहिए। एमसीसी ने हमेशा उस क्षण को परिभाषित किया है जब पिछला पैर जमीन के साथ संपर्क का पहला बिंदु होता है। जैसे ही पैर का कोई हिस्सा जमीन को छूता है, वह पैर जमीन पर माना जाता है और उस समय पैर की स्थिति को बैकफुट नो बॉल के रूप में देखा जाता है।”

इस केस में स्पष्ट रूप से, जिस समय आकाश दीप का पैर पहली बार जमीन को छूता है तो उनका बैकफुट अंदर था और रिटर्न क्रीज को नहीं छू रहा था। हो सकता है कि उसके पैर का कुछ हिस्सा बाद में क्रीज के बाहर जमीन को छू गया हो – यह इस नियम के लिए प्रासंगिक नहीं है। लैंडिंग के समय वह क्रीज के भीतर था और इसलिए इसे लीगल डिलीवरी माना जाना सही था। रूट का विकेट भारत के लिए एक बड़ी सफलता थी और इसने 608 रनों के विशाल लक्ष्य का पीछा कर रहे इंग्लैंड को चौथे दिन के तीसरे सत्र में 3 विकेट पर 50 रन पर सीमित कर दिया।