भारतीय सैनिकों ने दिलाई इजरायल को आज़ादी: हाइफा के मेयर

नई दिल्ली। भारत और इजरायल के रिश्तों की जड़ें सिर्फ़ आतंकवाद के खिलाफ साझा लड़ाई तक सीमित नहीं हैं, बल्कि उनका इतिहास प्रथम विश्व युद्ध तक जाता है। 1918 में भारतीय घुड़सवार सैनिकों ने हाइफा शहर को ऑटोमन शासन से मुक्त कराया था। इस ऐतिहासिक घटना की याद में हर साल 23 सितंबर को हाइफा दिवस मनाया जाता है।
“भारतीयों ने दिलाई हमें आज़ादी”
हाइफा के मेयर योना याहव ने हाल ही में भारतीय सैनिकों की वीरता को याद करते हुए कहा, “हमें हमेशा यही बताया गया था कि इस शहर को अंग्रेजों ने आज़ाद कराया। लेकिन शोध से पता चला कि हाइफा की आज़ादी के नायक भारतीय सैनिक थे। अब शहर के स्कूलों की किताबों में इस तथ्य को सुधारा जा रहा है ताकि आने वाली पीढ़ी सच्चाई जान सके।”
भारतीय शौर्य की गाथा
प्रथम विश्व युद्ध के दौरान भारतीय घुड़सवार रेजिमेंट—जोधपुर, मैसूर और हैदराबाद लॉन्सर्स—ने कठिन हालात में माउंट कार्मेल की चट्टानी ढलानों पर चढ़ाई की। आधुनिक हथियारों से लैस दुश्मन को हराकर उन्होंने हाइफा को मुक्त कराया। इसे सैन्य इतिहास का “अंतिम महान घुड़सवार अभियान” कहा जाता है।
श्रद्धांजलि और परंपरा
इजरायल के हाइफा शहर में बने भारतीय सैनिकों के कब्रिस्तान में हर साल श्रद्धांजलि कार्यक्रम होता है। भारतीय मिशन और हाइफा नगरपालिका संयुक्त रूप से भारतीय शहीदों की वीरता को याद करते हैं। भारतीय सेना भी इस दिन को गर्व से मनाती है।
भारत-इजरायल रिश्ते
आज जब दुनिया आतंकवाद और सुरक्षा चुनौतियों से जूझ रही है, भारत और इजरायल एक-दूसरे के पक्के साझेदार बने हुए हैं। आतंकवाद के खिलाफ सख़्त रुख से लेकर रक्षा तकनीक के आदान-प्रदान तक, दोनों देशों का दृष्टिकोण समान है। यही वजह है कि इजरायल ने अमेरिका-भारत के तनावपूर्ण रिश्तों के बीच भी भारत की सेना और उसके योगदान की तारीफ़ की है।