• प्राइवेट कंपनियां मांग रहीं 25 दिन की नौकरी के लिए दो लाख रूपये की घूस
  • प्रदेश के बेरोजगारों से लूटे जाने वाले हैं 80 करोड रूपये

लखनऊ। स्वास्थ्य विभाग ने 31 दिसम्बर 2015 को एक ऐसा शासनादेश बनाया जिसके बल पर प्राइवेट कंपनियों ने जमकर प्रदेश के बेरोजगारों को लूटा। जब यह मामला इलाहाबाद हाईकोट पहुंचा तो स्वास्थ्य विभाग ने लूट करने की 31 मार्च 2018 तक की समय सीमा निधारित कर दी। लूट की समय निधारित है लेकिन कोई लुट नहीं रहा। ऐसा होता देखकर महानिदेशक (चिकित्सा एवं स्वास्थ्य सेवायें, उत्तर प्रदेश) ने प्रदेश के समस्त निदेशक एवं प्रमुख/मुख्य चिकित्सा अधीक्षक/अधीक्षिका, जिला पुरूष/ महिला/मासिक/क्षय/संयुक्त चिकित्सालय, समस्त मुख्य चिकित्सा अधिकारी और समस्त मुख्य चिकित्सा अधीक्षक, प्रभारी ट्रामा सेंटरों को 28 फरवरी को एक पत्र लिखा है जिसमें उन्होंने प्रदेश की चिकित्सा ईकाईयों में 4031 रिक्त उपचारिकाओं (स्टाफ नर्स) के पदों पर दिनांक 31 मार्च तक के लिये सेवा प्रदाता एजेंसी के माध्यम से सेवायें लेना सुनिश्चित करनें की आज्ञा दी है।

इस पत्र के बल पर एक बार फिर 31 दिसम्बर 2015 के शासनादेश में वर्णित प्राइवेट कंपनियों को एक बार फिर प्रदेश के बेरोजगारों को लूटने का मौका मिल गया है। अवनि परिधि एनर्जी एण्ड कम्यूनीकेष्न प्राइवेट लिमिटेट ने तो अपने पूर्व में हुए अनुबंधों को के आधार पर चिकित्सा ईकाईयों में मैनपावर भेजना भी शुरू कर दिया है।

सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार प्रदेश के बेरोजगारों से सरकारी नौकरी के नाम पर दो लाख रूपये लेकर नौकरी दी जा रही है। 4031 पदों अगर यह भर्ती होती है। तो दो लाख रूपये प्रति व्यक्ति के हिसाब से 806200000 (अस्सी करोड बांसठ लाख रूपये) प्रदेश के बेरोजगारों से सरकारी नौकरी के नाम पर लूट लिये जायेगें।

महानिदेशक महोदय ने इस लूट की अनुमति देने सेे पहले एक बार भी यूपीएसआईसी (उत्तर प्रदेश लघु उद्योग निगम) से पूछना जरूरी नहीं समझा कि जिन कंपनियों को हम लूट करने की अनुमति दे रहे हैं, क्या वह अब यूपीएसआईसी की वेंडर हैं या नहीं।

यूपीएसआईसी से मिली जानकारी के अनुसार स्वास्थ्य विभाग जिन कंपनियों को यह काम करने के अनुमति प्रदान कर रहा है न तो उनकी बैंक गारंटी जमा है और न उन कंपनियों का रिनुअल हुआ है। यानि स्वास्थ्य विभाग अपनी जिम्मेदारी पर बिना यूपीएसआईसी से पूछे प्राईवेट कंपनियों को काम करने दे रहा है।

अब सवाल उठता है कि देश के प्रधानमंत्री मोदी और प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी अपने भाषणों में कहते है कि ‘न खाऊंगा और न खाने दूंगा‘। इसके बाबजूद हिम्मत देखिए स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों की जो प्राइवेट कंपनियों को लूट की छूट दे रहे हैं।

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